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थाने के हर पुलिसकर्मियों को हो डिजिटल साक्ष्य संकलन की जानकारी

रांची : मौजूदा समय डिजिटल युग बन चुका है। अपराधी उच्च तकनीक की मदद से आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jun 2018 07:28 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jun 2018 07:28 AM (IST)
थाने के हर पुलिसकर्मियों को हो डिजिटल साक्ष्य संकलन की जानकारी
थाने के हर पुलिसकर्मियों को हो डिजिटल साक्ष्य संकलन की जानकारी

रांची : मौजूदा समय डिजिटल युग बन चुका है। अपराधी उच्च तकनीक की मदद से आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में पुलिस के लिए अपराधियों को पकड़ना और उन्हें सजा दिलाना बड़ी चुनौती है। इसलिए थाना स्तर के हर पुलिसकर्मियों को डिजिटल साक्ष्य संकलन और साक्ष्यों को डिजिटल फॉरेंसिक तक पहुंचाए जाने की पूरी जानकारी होनी चाहिए। उक्त बातें शुक्रवार को कचहरी स्थित आइटीएस कांफ्रेंस हॉल में साइबर क्राइम थाना की ओर से आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिजिटल फॉरेंसिक एक्सपर्ट सह साइबर क्राइम इंवेस्टिगेटर नवीन कुमार सिंह ने कही। वे प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल राज्य भर के 45 डीएसपी, इंस्पेक्टर और थाना प्रभारियों को बतौर एक्सपर्ट साइबर अपराध और साइबर फॉरेंसिंक संबंधित कई तनकनीकी जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि पुलिस इंस्पेक्टरों को साइबर तकनीक की पूरी जानकारी होनी चाहिए। ताकि वे साक्ष्यों को सुरक्षित रखने और तकनीकों के शिकार होने से बच सकें। चूंकि साइबर अपराधी पुलिस की सिस्टम को भी हैक कर सूचनाएं लीक कर सकते हैं। पुलिस को डाटा हैंडलिंग की भी जानकारी होना जरूरी है। ताकि डाटा की टेंप¨रग न हो सके।

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सीआइडी एसपी सुनिल भास्कर ने कहा कि यह प्रशिक्षण शिविर सह कार्यशाला वरीय अधिकारियों के निर्देश पर आयोजित किया गया। ताकि पुलिसकर्मी साइबर अपराध के तरीकों और साक्ष्यों को सुरक्षित रखने के तरीकों को जान सकें। साथ ही पुलिसकर्मी साइबर अपराध के प्रति जागरूक हो सकें। साइबर थाने की डीएसपी श्रद्धा केरकेट्टा ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला से अनुसंधान पदाधिकारियों को साइबर क्राइम के मामले के अनुसंधान में काफी फायदा मिलेगा। टेक्नोलॉजी के सहारे स्मार्ट तरीके से अनुसंधान कर सकेंगे।

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अब हथियार से लूट की बजाए साइबर लूट :

इन दिनों हथियार के बल लूटपाट से ज्यादा साइबर लूट के मामले बढ़ गए हैं। ऐसे में पुलिस को अपराधियों की अपेक्षा अधिक तकनीकी जानकारियों का होना जरूरी है। ताकि अपराधियों को डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर पकड़ा जा सके। प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया गया कि मोबाइल और लैपटॉप महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य हैं। यह अपराधियों को पकड़ना और जानकारी जुटाने में सहायक है। इसक ठीक ढंग से इस्तेमाल होना चाहिए।


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