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प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चप्पे-चप्पे पर तैनात थे सुरक्षाकर्मी

दो जोन में सुरक्षा की कमान संभाले हुए थे जवान, पुराने टर्मिनल में प्रवेश से पूर्व गाड़ियों की हुई जांच, एटीसी और पुलिस के बीच प्रवेश को लेकर हुई नोंकझोंक।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 12:03 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 12:03 PM (IST)
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चप्पे-चप्पे पर तैनात थे सुरक्षाकर्मी
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चप्पे-चप्पे पर तैनात थे सुरक्षाकर्मी

जागरण संवाददाता, रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रांची आगमन के मद्देनजर सुरक्षा में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के जवान तैनात थे। शुक्रवार की सुबह से ही एयरपोर्ट एरिया को एसपीजी ने अपने हवाले ले लिया था। एसपीजी के अलावे जिला पुलिस की जवान भी मुस्तैद थे। सुरक्षा में तैनात जवानों को समय-समय पर दिशा-निर्देश दिए जा रहे थे। एयरपोर्ट के अलावा आसपास के इलाकों में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे। एयरपोर्ट एरिया को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। पूरे एरिया की सुरक्षा को दो जोन में बांटा गया था। दोनों जोन में सुरक्षा के प्रभारी आईपीएस अधिकारी को बनाया गया था। जोन वन की सुरक्षा का जिम्मा वाईएस रमेश, एसपी सीआईडी, जबकि जोन टू का जिम्मा सुनील भाष्कर, एसपी सीआईडी संभाले हुए थे। प्रधानमंत्री के रांची एयरपोर्ट में करीब 1.10 घंटे की बैठक के दौरान करीब 350 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को लगाया गया था। एसएसपी कुलदीप द्विवेदी स्वंय सुरक्षा की मॉनिट¨रग संभाले हुए थे। समय-समय पर वायरलेस पर एसएसपी सुरक्षा में तैनात अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे।

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पुराने टर्मिनल में प्रवेश से पूर्व गाड़ियों की हो रही थी जांच :

नरेंद्र मोदी के पुराने टर्मिनल में बैठक के कार्यक्रम को देखते हुए प्रवेश करने वाले एक-एक गाड़ियों को जांच के बाद प्रवेश दिया जा रहा था। कई गाड़ियों में पास न होने के कारण गाड़ियों को सुरक्षा में तैनात जवान लौट दे रहे थे।

एटीसी के इंजीनियर और पुलिस में हुई नोंकझोंक :

बिरसा मुंडा एयरपोर्ट स्थित एटीसी में नियुक्त इंजीनियर पुराने टर्मिनल की ओर से ड्यूटी में जा रहे थे। इंजीनियर के पास प्रधानमंत्री के आगमन पर प्रवेश को लेकर आईकार्ड निर्गत नहीं था। सुरक्षा में तैनात जवानों ने प्रवेश को लेकर आईकार्ड मांगा, मगर इंजीनियर ने कुछ न दिखाया। प्रवेश को लेकर इंजीनियर और जवानों में कुछ देर नोंकझोंक भी हुई। जिसके बाद इंजीनियर वापस लौट गए।


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