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कथा का श्रवण, मनन व चिंतन करें

-हरमू रोड स्थित श्याम मंदिर में चल रही है भागवत कथा जागरण संवाददाता, रांची युवा कथावाचक

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 May 2018 07:58 AM (IST)Updated: Fri, 18 May 2018 07:58 AM (IST)
कथा का श्रवण, मनन व चिंतन करें
कथा का श्रवण, मनन व चिंतन करें

-हरमू रोड स्थित श्याम मंदिर में चल रही भागवत कथा

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जागरण संवाददाता, रांची : युवा कथा वाचक पंडित शिवम विष्णु पाठक ने कहा कि भागवत भगवान की नहीं, भक्तों की कथा है। यहां अधिकतर प्रसंग भक्तों से जुड़े हैं। वह गुरुवार को हरमू रोड स्थित श्याम मंदिर में प्रेस से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि कथा का प्रभाव तब होगा, जब उसे हम जीवन में उतारेंगे। कथा श्रवण करें, मनन करें और फिर चिंतन करें। केवल श्रवण से कथा का कोई लाभ होने वाला नहीं हैं।

उन्होंने कर्म पर जोर देते हुए कहा कि भगवान कृष्ण कर्म करने की सलाह देते हैं। कर्म छोटा या बड़ा नहीं होता है। हम जो भी कर्म करें, ईमानदारी से करें। बिना फल की चिंता के करें। कर्ता नहीं, बल्कि अकर्ता भाव से करें। जब कर्ता का भाव आता है, तब अहंकार भी आता है। बीकॉम ऑनर्स में पढ़ रहे कथावाचक ने कहा कि कथा कहने की परंपरा उनके परिवार में रही। वहीं से भीतर प्रेरणा जगी। मात्र 20 वर्ष की उम्र में प्रभु शरण में गोविंद का गुणगान करने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि दो वर्ष पूर्व अपने गुरु के आशीर्वाद एवं पूज्य पिताजी द्वारा दिए गए प्रारंभिक ज्ञान से इस क्षेत्र में आए और भागवत कथा जन-जन के बीच में करने लगे। बताया कि रांची में उनकी यह 39वीं कथा है। प्रेस वार्ता अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की राष्ट्रीय सचिव सुषमा अग्रवाल ने भी संबोधित किया। इस मौके पर हरि पेड़ीवाल ने भी अपनी बात रखी। प्रभु को पाने में अभिमान सबसे बड़ा अवरोध

तीन बजे से फिर कथा शुरू हुई। कृष्णानुरागी पंडित शिवम विष्णु पाठक ने सर्वप्रथम चतु:श्लोकी भागवत का वर्णन किया। फिर उन्होंने कपिल देवहूति, सती चरित्र और ध्रुव चरित्र की कथा सुनाई। हिरण्याक्ष वध की कथा भी सुनाई। कथा के माध्यम से वृंदावन धाम का दर्शन भी कराया। कथा का विश्राम ध्रुव चरित्र प्रसंग के साथ हुआ। कथा के वर्णन के साथ ही मधुर और प्यारे भजन गोविंद मेरो हैं गोपाल मेरो हैं.. पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर झूमते-नाचते रहे। श्रद्धालुओं से भरे मंदिर सभागार में संस्कृत के श्लोकों की स्वर लहरियां आनंदित कर रही हैं। इस दौरान श्री श्याम मित्र मंडल के श्री सुरेश सरावगी, विश्वनाथ नारसरिया, कृष्ण कुमार अग्रवाल, राजेश ढाढनिया, शैकी केडिया सहित नगर के राजेश शर्मा, विवेकानंद सारस्वत, विष्णु पाठक आदि उपस्थित थे।


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