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बेल पर कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से रिहा हुए लालू प्रसाद यादव

लालू प्रसाद के करीबी राजद विधायक भोला यादव ने कहा कि पटना में तब तक लालू का इलाज होगा, जब तक कि बाहर के डॉक्टर का अप्वाइंटमेंट नहीं मिल जाता है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 16 May 2018 10:59 AM (IST)Updated: Wed, 16 May 2018 05:57 PM (IST)
बेल पर कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से रिहा हुए लालू प्रसाद यादव
बेल पर कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से रिहा हुए लालू प्रसाद यादव

जागरण संवाददाता रांची। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बेल पर जेल से छूटने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट पर काफी संख्या में लालू समर्थक मौजूद थे। व्हील चेयर के सहारे उन्होंने एयरपोर्ट के अंदर प्रवेश किया। अपने अंदाज में बयानबाजी के लिए मशहूर लालू एअरपोर्ट पर पत्रकारों के किसी भी सवाल का उत्तर नहीं दिया। इसके बाद वह इंडिगो के विमान से पटना के लिए रवाना हो गए। अदालत ने लालू पर कई बंदिशें भी लगाई हैं। इसमें मीडिया से बात न करना, राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल न होना भी शामिल है।

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इससे पहले बेल बांड भर जाने से संबंधित कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई। चारा घोटाला के तीन मामलों में सीबीआई के दो विशेष कोर्ट में लालू प्रसाद की ओर से बेलबांड भरा गया। तीनों मामले में 50 50 हजार रुपये के छह बेल बांड भरे गए। इसके साथ ही लालू प्रसाद से संबंधित रिलीज आर्डर अदालत से जारी किया गया। 

जेल से एयरपोर्ट जाते लालू।

पटना में होगा लालू का इलाज
लालू प्रसाद के करीबी राजद विधायक भोला यादव ने कहा कि पटना में तब तक लालू का इलाज होगा, जब तक कि बाहर के डॉक्टर का अप्वाइंटमेंट नहीं मिल जाता है। पटना में उनका इलाज शुगर विशेषज्ञ डॉ. नवीन कुमार, हर्ट विशेषज्ञ डॉ. बीवी सिंह और डा. सुरेंद्र कुमार सिन्हा से रेगुलर जांच होगी। ये डॉ. उनका नियमित जांच पूर्व से ही करते हैं। इसके बाद एशियन हर्ट इंस्टीट्यूट मुंबई के विशेषज्ञ डॉ. पांडा से अप्वाइंटमेंट लेकर उनसे जांच कराई जाएगी।

भोला यादव ने कहा कि लालू प्रसाद का हाईकोर्ट से प्रोविजनल बेल स्वास्थ्य जांच के लिए मिली है। उनकी पहली प्राथमिकता इलाज कराना है। 3 मेडिकल इंस्टीट्यूट में इलाज की जरूरत अभी महसूस की गई है। अन्य जगह ले जाने की आवश्यकता पड़ी तो अदालत से अनुरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को हर्ट , किडनी, ब्लड शुगर, बैक पेन, चक्कर आना जैसी 16 बीमारियों को एम्स ने बताया है। उन सभी का इलाज बारी बारी से होगी। जानकारी हो कि बेल बांड स्वीकार होते ही सबसे पहले लालू प्रसाद का इंडिगो विमान का टिकट करवाया गया। 

सुबह 8 बजे फाइल हो गया था दस्तावेज

चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद की ओर से बेल बांड भरे जाने से संबंधित आवश्यक दस्तावेज अदालत में सुबह 8 बजे ही उनके अधिवक्ता प्रभात कुमार और अनंत कुमार विज ने दाखिल कर दिया था। ताकि आवश्यक कार्रवाई समय से पूरी हो सके। इसे लेकर जमानतदार भी कोर्ट पहुंच गए थे।

थोड़ी देर के लिए पासपोर्ट को लेकर अटक गया था मामलाः 
दुमका और देवघर कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद का बेल बांड भराने से संबंधित कार्यवाही पासपोर्ट जमा करने को लेकर कुछ देर तक अटक गया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में उन्हें पासपोर्ट जमा करने की बात कही गई। इसके लिए जेल से लालू प्रसाद द्वारा लिखकर भेजे गए आवेदन को कोर्ट में जमा किया गया। इसमें लालू प्रसाद ने कहा था कि उनकी ओर से पासपोर्ट दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 38ए/96 में ट्रायल के दौरान ही जमा कर दिया गया था। कोर्ट ने इस पर सीबीआई से रिपोर्ट मांगा। सीबीआई द्वारा यह बताए जाने के बाद कि लालू प्रसाद का पासपोर्ट जमा है।

यह कोर्ट के रिकार्ड में ही है। अदालत ने जांचोपरांत बेल बांड को सही पाते हुए स्वीकार किया और रिलीज आर्डर जारी किया। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट से प्रोविजनल बेल मिलने के आदेश में लालू प्रसाद का यह शर्त है कि वह अपना पासपोर्ट निचली अदालत में सरेंडर करेंगे। उसी के अनुरूप अदालत ने पासपोर्ट जमा करने को कहा था। इसके पूर्व ही सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद की अदालत में चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में लालू की ओर से बेल बांड भरा गया था।

बेल बांड भरानेे के बाद कोर्ट से निकलते भोला यादव सहित अन्य राजद नेता कार्यकर्ता।

लालू के बने हैं छह जमानतदार:
लालू के चारा घोटाला के अलग-अलग तीन मामलों में छह बेलर (जमानतदार) बनाए गए हैं। देवघर मामले में चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 64ए/96 में राजद के प्रदेश प्रवक्ता व झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. मनोज कुमार व हजारीबाग के राजद कार्यकर्ता भुनेश्वर पटेल बेलर बनाए गए हैं। वहीं दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 38ए/96 में राजद के पूर्व विधायक जनार्दन पासवान और इटकी निवासी व राजद कार्यकर्ता मसूद आलम जमानतदार बने हैं। इन दोनों मामले में लालू प्रसाद को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत से सजा सुनाई गई थी। इसलिए उनकी अदालत में ही बेल बांड भरा गया। वहीं चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला कांड संख्या 68ए/96 में राजद के प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी और पूर्व विधायक संजय कुमार सिंह यादव जमानतदार बनाए गए हैं।

राजद नेता कार्यकर्ता भी पहुंचे थे कोर्टः
जमानतदार अन्नपूर्णा देवी व अन्य नेताओं के साथ राजद नेता अभय सिंह, राजद के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. मनोज कुमार, विधायक भोला यादव, बिहार के बेलहर विधानसभा के पूर्व विधायक रामदेव यादव, राजद नेता रंजन कुमार, राजेश यादव, अफरोज आलम, सुधीर कुमार, मनसीर भगत, सुरेंद्र यादव सहित राजद के कई नेता और कार्यकर्ता भी न्यायालय पहुंचे थे। प्रदेश प्रवक्ता डा. मनोज कुमार व नेता रंजन कुमार ने लालू को प्रोविजनल बेल मिलने पर खुशी जाहिर की। कहा कि न्यायालय पर भरोसा था। लालू प्रसाद का अब समुचित इलाज हो सकेगा। अन्य नेता व कार्यकर्ताओं ने भी खुशी जाहिर की।

चाईबासा मामले में में बेल बांड भरने के बाद निकलती अन्नपूर्णा देवी व संजय सिंह यादव।

जेल में परेशान दिखे लालू, प्रशासन से लेते रहे जानकारी
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद मंगलवार को दिन भर बेचैन रहे। उन्हें उम्मीद थी कि बेल बांड भर लिया जाएगा और वे जेल से रिहा हो जाएंगे। सुबह नौ बजे से ही उन्होंने इस बारे में जेल अधिकारियों से जानकारी लेनी शुरू कर दी। वे पूछ रहे थे कि रिलीज आर्डर मिला या नहीं। काफी देर बेचैनी में काटने के बाद उन्हें दोपहर बाद बताया कि बेल बांड नहीं भरा जा सका इस वजह से रिलीज आर्डर नहीं जारी हुआ है। इसके बाद वे निराश होकर अपने सेल में चले गए।लालू की जमानत को लेकर सुबह से ही चर्चा होती रही।

पूरे दिन जेल प्रशासन परेशान रहा। अधिकारियों को बिहार से नेता व समर्थकों के फोन कॉल आते रहे। कुछ मीडियाकर्मी भी जेल प्रशासन से लगातार अपडेट लेते रहे। हालांकि जेल गेट पर कोई नेता या समर्थक नहीं पहुंचा। लालू समर्थकों की नजरें कोर्ट से मिलने वाले रिलीज ऑर्डर पर थी। बड़ी संख्या में लालू समर्थक कोर्ट परिसर में बेल बांड भरे जाने का इंतजार करते रहे। अंतत: दोपहर बाद स्थिति स्पष्ट होने पर सभी घर लौटे।

कोर्ट में जमे रहे जमानतदार, अंतत: मायूस लौटे
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद का जेल से निकलने का सपना मंगलवार को भी पूरा नहीं हो सका। तकनीकी खामियां कहें या फिर समय की पाबंदी। सारी तैयारियां होने के बावजूद कानूनी औपचारिकताएं पूरी नहीं हो सकीं और लालू को एक और रात रांची की जेल में गुजारनी पड़ी। लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार व अनंत कुमार विज ने बताया कि लालू के प्रोविजनल बेल से संबंधित हाईकोर्ट का आदेश सिविल कोर्ट पहुंच गया है। लालू प्रसाद को शुक्रवार को हाईकोर्ट से छह हफ्तों की प्रोविजनल बेल (औपबंधिक जमानत) मिली है। हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी सिविल कोर्ट में फैक्स के माध्यम से पहुंचती है। सिविल कोर्ट की कार्य अवधि तक हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं पहुंची, इसलिए लालू की ओर से बेल बांड नहीं भरा जा सका। हालांकि कोर्ट की कार्य अवधि समाप्त होते ही आदेश की कॉपी सिविल कोर्ट पहुंच चुकी है। दो विशेष कोर्ट में अलग-अलग तीन मामलों में लालू की ओर से बेल बांड भरा जाना है।

तकनीकी गड़बड़ी से लटका मामला:
जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट के आदेश का फैक्स लोअर कोर्ट में आने में आधा घंटा लग गया। दो पन्ने प्रिंट हुए ही थे कि कनेक्शन एरर आ गया। इसके बाद एक ही पन्ना कई बार निकला। दुमका, देवघर व चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद का हाईकोर्ट का अलग-अलग आदेश था।


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