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सुहागिनों ने वट वृक्ष की पूजा कर की अखंड सौभाग्य की कामना

रांची :अखंड सौभाग्य, पति की लंबी उम्र, सुख-शाति और समृद्धि की कामना के साथ मंगलवार को सुहागिनों ने पति की दीर्घायु के लिए वट सावित्रि की पूजा की ।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 May 2018 06:32 AM (IST)Updated: Wed, 16 May 2018 06:32 AM (IST)
सुहागिनों ने वट वृक्ष की पूजा कर की अखंड सौभाग्य की कामना
सुहागिनों ने वट वृक्ष की पूजा कर की अखंड सौभाग्य की कामना

रांची :अखंड सौभाग्य, पति की लंबी उम्र, सुख-शाति और समृद्धि की कामना के साथ मंगलवार को सुहागिनों ने वट सावित्री की पूजा की। सुबह से ही विभिन्न इलाकों में महिलाओं की लंबी भीड़ देखने को मिली। वट वृक्ष के आसपास महिलाओं ने पूजा अर्चना की। साथ ही पति की लंबी उम्र की भी कामना की।

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ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर मंगलवार को महिलाओं ने पति की लंबी उम्र और परिवार की समृद्धि के लिए वट वृक्ष का पूजन किया। इस दौरान महिलाओं ने उपवास रखकर विधिवत पूजा अर्चना की। मंगलवार को वट सावित्री पूजा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। सुबह से ही राजधानी के शिव मंदिर, विभिन्न चौक चौराहों पर स्थित वट वृक्ष पर पूजा करने के लिए महिलाओं का तांता लगा रहा। सुहागिन महिलाओं ने रोली, फूल अक्षत, चना, फल और मिठाई से वट वृक्ष की पूजा अर्चना की। इस बीच महिलाओं ने वट वृक्ष को सींचकर परिक्रमा करते हुए एक सौ आठ फेरे लगाकर वृक्ष में सूत भी बाधा। वट वृक्ष के पूजन के बाद सुहागिनों ने पानी पीकर अपना व्रत खोला। इस व्रत की पौराणिक मान्यता है कि वट वृक्ष के नीचे ही सावित्री ने अपने पति की जान बचाई थी। तभी से पति की दीर्घायु के लिए वट वृक्ष की पूजा होती है। यह भी मान्यता है कि वट वृक्ष की जड़ में ब्रह्मा, तने में विष्णु व पत्तियों में भगवान शिव का वास होता है। विधिविधान से वृक्ष की पूजा अर्चना करने के बाद महिलाएं पेड़ के नीचे बैठकर सत्यवान-सावित्री की कथा सुनती हैं।

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कम हो गई शहर में वट वृक्ष की संख्या

पिछले कुछ सालों में राजधानी में वट वृक्ष की संख्या में भी कमी आई है। लगातार बन रहीं सड़कें और विकास कार्यो की भेंट वट वृक्ष चढ़े हैं। इसी वजह से विभिन्न इलाकों में स्थित वट वृक्ष पर महिलाओं की अधिक भीड़ देखने को मिली। कई स्थानों पर महिलाओं ने पार्क और दूर दराज के मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की।


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