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कल से मलमास, एक माह गायब रहेगी रौनक

खत्म होगा शादी का मौसम, गृह प्रवेश, उद्घाटन और अन्य शुभ कार्य से किया जाएगा परहेज जागरण संवा

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 May 2018 07:19 AM (IST)Updated: Tue, 15 May 2018 07:19 AM (IST)
कल से मलमास, एक माह गायब रहेगी रौनक
कल से मलमास, एक माह गायब रहेगी रौनक

खत्म होगा शादी का मौसम, गृह प्रवेश, उद्घाटन और अन्य शुभ कार्य से किया जाएगा परहेज

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जागरण संवाददाता, रांची : भारतीय बाजार शादी-विवाह के प्रभाव से परे नहीं है। शादियों के बिना बाजार में रौनक नहीं होती। यदि शादी को लेकर आपकी खरीदारी अभी भी अधूरी है, तो यह खबर आपके लिए है। आनेवाले 16 मई से मलमास आरंभ हो रहा है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार इस दौरान पूरे एक महीने तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। ऐसे में शादी-विवाह से लेकर गृह प्रवेश, उद्घाटन, या अन्य किसी भी कार्यक्रम से परहेज किया जाता है।

मलमास के आगमन से राजधानी का बाजार भी महीने भर प्रभावित रहेगा। कपड़े, जेवर, कार और इलेक्ट्रानिक सामग्री आदि की खरीदारी में गिरावट देखने के लिए मिलेगी। यदि परिवार के लिए आप खरीदारी का विचार बना रहे हैं तो आज ही खरीदारी कर डालें। क्या है मलमास

मलमास को अधिक मास या पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है। यह ज्येष्ठ महीने में होता है। जानकार बताते हैं कि सूर्य के एक से दूसरी राशि में प्रवेश करने के क्रम में संक्रांति होती है। ऐसे कुल 12 मास हैं और 12 संक्रांति। लेकिन एक ऐसा महीना भी है, जिसमें कोई संक्रांति नहीं होती। यह ज्येष्ठ महीने में ही आता है। संक्रांति नहीं होने के कारण ही इस महीने में कोई भी शुभ कार्य नहीं होता। फीका रहेगा बाजार

मलमास में राजधानी का बाजार फीका रहेगा। गाड़ियां, आभूषण, कपड़े और बर्तन आदि सभी सामग्री, जो कि शादियों में खास तौर पर खरीदे जाते हैं, उनके बाजार पर असर देखने को मिलेगा। मलमास में शुभ कार्य नहीं होने से लोग घरेलू सामग्री खरीदने से भी बचते हैं। 16 मई से एक महीने तक राजधानी का बाजार मलमास को लेकर प्रभावित रहेगा। पूजा पाठ के लिए उत्तम है मलमास -

शुभ कार्य के लिए भले ही यह माह उचित नहीं हो, लेकिन पूजा पाठ के लिए यह माह बेहद उत्तम है। माना जाता है कि मलमास अपनी समस्या लेकर भगवान विष्णु के पास गए कि कोई भी शुभ कार्य उनके हिस्से में नहीं है। भगवान विष्णु ने मलमास को अपना लिया। इसी कारण पूजा, दान, जप, तर्पण और श्राद्ध आदि के लिए यह माह उत्तम है। मलमास में इन कार्यो का सबसे अधिक फल मिलता है। प्रतिक्रिया -

मलमास में शुभ कार्य वर्जित है। लेकिन खरीदारी से किसी भी प्रकार की आपत्ति नहीं है। बाजार से कुछ भी खरीदारी करने से परहेज ना करें। पूजा पाठ करें, अधिक फल मिलेगा। जून में मलमास खत्म होने के बाद पुन: कार्यो को संपादित किया जा सकता है।

-0 सुरेश मिश्र, पंडित।


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