दस लाख के इनामी नक्सली प्रकाश उरांव ने किया आत्मसमर्पण, दर्जन भर कांडों में था आरोपित
प्रकाश उरांव ने पुलिस को बताया कि वह बूढ़ा पहाड़ पर एक करोड़ रुपये के इनामी अरविंद व सुधाकर के दस्ते के साथ रह चुका है।
राज्य ब्यूरो, रांची। 10 लाख रुपये के इनामी नक्सली प्रकाश उरांव उर्फ दीपक उरांव उर्फ संदीप उरांव ने डीआइजी अमोल वी होमकर के सामने उनके कार्यालय में शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया। वह लोहरदगा जिले के टोटो का निवासी है। पिछले 20 वर्षों से वह माओवादियों के साथ जुड़ा हुआ था और इस दौरान उसपर दर्जनभर से अधिक नक्सली घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है। इन्हीं घटनाओं में लोहरदगा के सेरेंगदाग की 19 सितंबर, 2016 की एक घटना भी शामिल है, जिसमें एक आरएमपी डॉक्टर की गला काटकर हत्या कर दी गई थी। मौके पर डीआइजी ने आत्मसमर्पण नीति के तहत 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी, वहीं उसे 10 लाख रुपये इनाम की राशि से संबंधित चेक भी दिया गया।
डीआइजी अमोल वी होमकर ने कहा कि दक्षिणी छोटानागपुर क्षेत्र में नक्सलियों के विरुद्ध लगातार अभियान चल रहा है। इससे विवश होकर ही नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। इस अभियान में नक्सलियों की न केवल गिरफ्तारी हो रही है, बल्कि उनके कैंप को भी ध्वस्त किया जा रहा है। मार्च, 2017 से अब तक विभिन्न अभियान के दौरान पांच जिलों में मुठभेड़ में नौ उग्रवादी मारे जा चुके हैं। जबकि
नक्सलियों के आत्मसमर्पण करवाने के मामले में लोहरदगा पुलिस का रिकॉर्ड पूरे झारखंड में अव्वल है। मार्च, 2017 से मार्च, 2018 तक लोहरदगा जिले में 23 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
बूढ़ा पहाड़ पर अरविंद व सुधाकर के साथ रह चुका है प्रकाश
प्रकाश उरांव ने पुलिस को बताया कि वह बूढ़ा पहाड़ पर एक करोड़ रुपये के इनामी अरविंद व सुधाकर के दस्ते के साथ रह चुका है। अरविंद की मौत के पहले ही वह वहां से भाग गया था। उसका कहना है कि अरविंद की मौत की जानकारी मीडिया से ही मिली। सुधाकर के बारे में प्रकाश बताता है कि वह भी बूढ़ा पहाड़ छोड़ चुका है और लातेहार-लोहरदगा-गुमला सीमा पर अपने दस्ते के साथ घूम रहा है। उसने यह भी बताया कि उसकी पत्नी व दोनों बच्चे (एक बेटा व एक बेटी) रांची में रहते हैं। रांची के एक प्रतिष्ठित स्कूल में दोनों बच्चे पढ़ते हैं।