जेल में 84 दिन रहे लालू, रिम्स में गुजारीं 11 रातें
रांची में रहने के दौरान लालू प्रसाद यादव ने विपक्षी एकता को मजबूत करने की पूरी कोशिशें भी की।
बिजय कुमार ठाकुर, रांची। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में 84 दिन और रिम्स में 11 रातें गुजारीं। लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के अलग-अलग चार मामले में सजायाफ्ता हैं। रांची के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाले के एक मामले में वे रांची के सीबीआइ कोर्ट में ट्रायल फेस कर रहे हैं। देवघर कोषागार मामले में फैसला सुनने को लेकर लालू प्रसाद 22 दिसंबर, 2017 को रांची पहुंचे थे। उस समय से लगातार 95 दिनों तक रांची में रहे।
जेल में रहते उन्हें बिहार के जहानाबाद व अररिया उपचुनाव में राजद प्रत्याशी की जीत का तोहफा मिला तो शारीरिक परेशानियां इतनी बढ़ीं कि एम्स तक का सफर तय हो गया। रांची में रहने के दौरान लालू प्रसाद यादव ने विपक्षी एकता को मजबूत करने की पूरी कोशिशें भी की। बुधवार को रिम्स से निकलने की बात करें या रांची रेलवे स्टेशन से दिल्ली के लिए रवानगी की बात। लालू ने कुछ बयानबाजी भले ही न की हो लेकिन रांची में रहकर विपक्षी एकता पर बल जरूर दिया। इस दौरान उनकी मुलाकात कई नेताओं से हुईं तो भाजपा पर भी कई ज्वलंत मुद्दों पर निशाना साधा।
देवघर कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला मामले में 23 दिसंबर, 2017 को फैसला सुनाया गया था। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत से दोषी करार दिए जाने के बाद लालू प्रसाद को जेल भेजा गया था। उन्हें जेल में रहते हुए चारा घोटाले के दो अन्य केस में भी फैसला सुनाया गया। इसमें लालू प्रसाद दोषी करार दिए गए और उन्हें सजा सुनाई गई। चाइबासा कोषागार के चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 68ए/96 में उन्हें 24 जनवरी को सजा सुनाई गई। वहीं दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 38ए/96 में 24 मार्च 2018 को सबसे अधिक 14 वर्ष की सजा सुनाई गई थी।