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1.53 करोड़ बच्चों को 4 सितंबर को मिलेगी कृमि की मुफ्त दवा

देवघर छोड़कर सभी 23 जिलों में चलेगा अभियान 11 सितंबर को छुटे हुए बच्चों को खिलाई जाएगी

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 07:19 AM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 07:19 AM (IST)
1.53 करोड़ बच्चों को 4 सितंबर को मिलेगी कृमि की मुफ्त दवा
1.53 करोड़ बच्चों को 4 सितंबर को मिलेगी कृमि की मुफ्त दवा

देवघर छोड़कर सभी 23 जिलों में चलेगा अभियान, 11 सितंबर को छुटे हुए बच्चों को खिलाई जाएगी दवा

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रांची, राब्यू : राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर चार सितंबर को 1.53 करोड़ बच्चों को स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों तथा घरों में कृमिनाशक दवा एलबेंडाजोल मुफ्त खिलाई जाएगी। इसे लेकर देवघर को छोड़कर सभी 23 जिलों में अभियान चलाया जाएगा। निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. विजय शंकर दास ने शुक्रवार को सूचना भवन में यह जानकारी देते हुए कहा कि देवघर में अप्रैल माह में यह दवा बच्चों को खिलाई जा चुकी है। अभियान के प्रोटोकॉल के तहत दोबारा दवा खिलाने के लिए पांच माह से अधिक का अंतर होना चाहिए। एक से उन्नीस वर्ष के बच्चों और किशोरों को यह दवा खिलाई जाएगी।

निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं ने बताया कि तीन सितंबर को रांची के जिला स्कूल में इस अभियान का शुभारंभ होगा। चार सितंबर को इस अभियान के तहत दवा खाने से जो बच्चे वंचित रह जाएंगे, उनके लिए 11 सितंबर को मॉपअप राउंड चलाया जाएगा। इसके तहत सहिया घर-घर जाकर बच्चों को यह दवा खिलाएंगी। उन्होंने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य बच्चों को तीन तरह के कृमि से बचाना है, जो बच्चों के खराब सेहत और कुपोषण के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

डॉ. विजय शंकर दास ने बताया कि अबतक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर सात राउंड का यह अभियान चलाया जा चुका है और यह आठवां राउंड है। बताया कि राज्य में लगभग 40 फीसद बच्चे कृमि से संक्रमित होते हैं, जो शौच और गंदगी के माध्यम से फैलते हैं। कृमि नष्ट होने से बच्चों की स्कूलों में अनुपस्थिति 25 फीसद कम हो सकती है।

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पूरी तरह सुरक्षित है दवा :

निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं ने कहा है कि पेट के कृमि मारने वाली दवा एलबेंडाजोल (400 मिग्रा) पूरी तरह सुरक्षित है। भारत के अलावा दुनिया भर में लंबे समय से इसका उपयोग किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने भी इसे सही माना है। कुछ मामलों में यह दवा लेने पर घबराहट या दस्त की शिकायत आती है, लेकिन ऐसा बहुत कम समय के लिए होता है। ऐसा उन्हीं बच्चों को होता है, जिनमें कृमि बहुत अधिक होता है।

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