रांची टू इथोपिया के सफर पर श्रीविधि
अनगड़ा : नई तकनीक अपने इलाके में भले ही सामान्य सी बात लगे, इसका सफर विदेशों तक शोहरत दिलाता है। यही
अनगड़ा : नई तकनीक अपने इलाके में भले ही सामान्य सी बात लगे, इसका सफर विदेशों तक शोहरत दिलाता है। यही हाल है झारखंड के कई इलाकों में श्रीविधि के माध्यम से हो रही खेती की। इसकी तकनीक जानने के लिए अफ्रीकी देश इथोपिया की टीम रांची पहुंची थी। खेती भी देखी, लोगों से भी मिले और सामाजिक बातें भी की।
अफ्रीकी देश इथोपिया के कृषि मंत्री टेसफाये मेनासीटी डोरे के नेतृत्व में कई राज्यों की कृषि विभाग की एक टीम मंगलवार को अनगड़ा पहुंची। टीम में कई कृषि वैज्ञानिक, कृषि विभाग के आलाधिकारी सहित कुल नौ सदस्य थे। टीम में इथोपिया के ओरिमिया स्टेट, अमहारा स्टेट व टीगरे स्टेट के अधिकारी शामिल हैं। टीम को एनआरएलएम के अधिकारी गाइड कर रहे थे। इथोपिया की टीम ग्रामीण विकास व श्रीविधि से की जा रही खेती व इसमें महिलाओं की भागीदारी पर अध्ययन करने आई है। टीम इसके बाद बिहार के लिए रवाना हो गई।
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इथोपिया में होगी श्रीविधि से खेती
इथोपिया के कृषिमंत्री टेसफाये मेनासीटी डोरे ने कहा कि यहां की जा रही खेती के तरीके को इथोपिया में भी अपनाया जाएगा। श्रीविधि माध्यम से की जा रही खेती और उसमें जैविक खाद के प्रयोग से स्वास्थ्य के साथ-साथ खेती की उर्वरा क्षमता भी बरकरार रहती है।
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ये हैं टीम में शामिल
टीम में कृषिमंत्री के साथ-साथ इथोपिया के कृषि निदेशक बरहानू गेजाहेंग टेगने, ओरिहिमा स्टेट के कृषि सचिव अब्दुरहिमन एबदेला एडम, अकीलीयू बोगले अयान, अमहारा स्टेट के कृषि सचिव डॉ. डेमने अतलाव मेलके, अब्राहम मुचे जेमेलेक, टीगटे स्टेट के कृषि सचिव फीशेहा बेजाविद, हैलू किरोस अब्रेहा, डिजीटल ग्रीन इथोपिया के प्रमुख चिमदो अंकाला बुलाका शामिल थे। इस अवसर पर डिजिटल इंडिया ग्रीन के झारखंड प्रमुख विनय कुमार, जेएसएलपीएस के विष्णु पारिदा आदि उपस्थित थे।
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बगैर सुरक्षा के आई थी टीम
बगैर सुरक्षा व्यवस्था के ही पूरी टीम बीसा आई थी, जबकि बीसा उग्रवाद प्रभावित पंचायत है। पुलिस को तो इसकी जानकारी भी नहीं थी। सुरक्षा के साथ-साथ व्यवस्थापकों के द्वारा कोई सुविधा भी उपलब्ध नहीं कराई गई थी। पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं की गई थी।
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क्या है श्रीविधि
श्रीविधि में 10 गुना 10 के रेडियस में धान रोपा जाता है। इसमें सामान्य रोपनी की अपेक्षा उपज ज्यादा होती है। इस विधि से खेती करने पर खर्च भी कम आता है। खेत में उग आई घास मशीन द्वारा आसानी से निकल जाती है। धूप व दवा आसानी से पौधों के जड़ में पहुंच जाता है। इससे जड़ मजबूत होता है। तेज हवा में भी धान की फसल जमीन पर नहीं गिरती है।
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