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जीवन में आया योग, दूर भागा रोग

दिलीप कुमार सिंह रामगढ़ कोरोना संक्रमण काल में योग की जरूरत को लोग समझने लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 08:44 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 08:44 PM (IST)
जीवन में आया योग, दूर भागा रोग
जीवन में आया योग, दूर भागा रोग

दिलीप कुमार सिंह, रामगढ़ : कोरोना संक्रमण काल में योग की जरूरत को लोग समझने लगे हैं। योग की ओर कदम निरंतर बढ़ा रहे है। इसी निरंतरता को जिले में बल देकर लोगों के जीवन को बचाने का भरसक प्रयास कर रहे है रजनी कांत राठौर व सीमा कुमारी। दोनों ने स्वयं योग को अपने जीवन में उतारा और इसका फायदा देखकर लोगों को योग के फायदें बताने लगी हैं। दोनों योग में मास्टर की भूमिका निभा रही हैं। सुबह होते ही योग शाम होते ही योग। बस योग ही जीवन का आधार मानों बन गया हो। अपने जीवन का आधार बना लिया है। लोगों को जीने की धार भी दे रहे है। साथ ही योग की कई उच्च डिग्री भी हासिल कर मिसाल बन गए है। रजनी कांत ने बाद में करीब 11 वर्ष पूर्व पतंजलि योग समिति से जुड़े। उनकी कार्य और लगन को देखते हुए जिला प्रभारी का दायित्व भी सौंप दिया गया। साथ ही सीमा ने भी कदम ताल कर चलने लगी। समाज में वैसे लोग जो बीमारी से निराशा की ओर जाने लगे उन्हें प्रेरित करते हुए योग से जोड़कर उनकी पीड़ा को हरने का काम भी किया। समाज में आज उन्हें एक पहचान भी मिली है।

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--------- कई प्रमुख स्थानों में दे रहे हैं प्रशिक्षण

रजनी कांत राठौर कई पुरस्कार जीत चुके हैं। ओपन योग चैंपियनशीप में स्टेट में खेल चुके है। आर्मी कैंप में कांट्रैक्ट कर ट्रेनिग देने जाते हैं, रामगढ़ पुलिस लाइन में भी कांट्रैक्ट किया, बार एसोसिएशन, सिविल कोर्ट में, स्कूलों में आदि में योग प्रशिक्षण देने का काम कर रहे है। कई जगहों पर निर्णायक का काम भी कर चुके हैं।

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मोटापा का सारा आसन मैने किया। करीब 95 केजी वेट था। उसे तीन महीने में ही कम कर 58 केजी किया हूं। इसमें चक्की आसन, पाद हस्तासन, कटी सौंदर्य आसन, नौकासन, कपालभाति, अनुलोम विलोम दो-दो घंटे सुबह शाम करती हूं।

-खुशबू कुमारी।

रामगढ़

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स्लीप डीस से परेशान था। योग का साथ होते ही इनके मार्गदर्शन में एक महीनें में करकट आसन, भुजंग आसन, ताड़ आसन और प्राणायाम केसहारे आज पूरी तरह स्वस्थ्य हूं। योग ने मानों नया जीवन ही दे दिया हो।

-विक्की अग्रवाल।

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बांझपन से परेशान थी। योग करने के बाद यह मेरे जीवन में खुशहाली भर दी। योग में कपालभाति 45 मिनट, अनुलोम विलोम 45 मिनट, बाह्य प्राणायाम 21 बार सुबह शाम दो टाइम के साथ बाकी सारे प्राणायाम सूर्य नमस्कार और सेतुबंध आसन 11 बार और भी बाकी सारा कुछ किया।

-सुषमा देवी

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योग ने नया जीवन दिया है। इसके सहारे ब्रेस्ट कैंसर को ठीक किया है। इसमें प्राणायाम, कपालभाती, अनुलोम, विलोम आधा से एक घंटा सुबह शाम दो समय और बाकी सारे प्राणायाम आंखों पर नियम करती थी। आसन सूर्य नमस्कार, पेट के बल आसन, पीठ के बल आसन, मर्कटासन सारा कुछ करती थी सुबह शाम।

-पूर्णिमा महतो ।


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