गोदाम में जगह नहीं, क्रय केंद्र बंद, किसान परेशान
राकेश पांडेय भुरकुंडा (रामगढ़) पतरातू प्रखंड के किसान परेशान हैं। संख्या हजारों म
राकेश पांडेय, भुरकुंडा (रामगढ़) :
पतरातू प्रखंड के किसान परेशान हैं। संख्या हजारों में है और केंद्र मात्र तीन। वह भी अब बंद हो चुके हैं। कारण, गोदाम भर गए और धान रखने का कोई और वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। यह हाल पतरातू प्रखंड के किसानों का है। यहां किसानों की संख्या काफी है और इनके लिए मात्र तीन धानक्रय खोले गए। गोदाम भर जाने के कारण अब ये पैक्स केंद्र भी दो-तीन दिनों से बंद हैं। धान क्रय नहीं होने के कारण किसान बिचौलियों के हाथों औने-पौने दाम बेचने को मजबूर हैं। आलम यह है कि धान का सरकारी दर 20 रुपये की बजाए 10-12 रुपये दर से किसान धान बेच रहे हैं। किसानों की अपनी मजबूरी भी है। खेती से पूर्व लिए गए कर्ज को किसी भी हाल में चुकाना है। सरकार की इस अव्यवस्था ने किसानों के पेसानी पर बल डाल दिया है। वहीं गोदाम भर जाने के कारण पैक्स संचालक भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। बताया जाता है कि जबतक इन गोदाम में भरे धान राइस मील नहीं पहुंचेगा, तबतक धानक्रय बंद रहेगा। मालूम हो कि सरकार ने घोषणा की थी कि किसानों द्वारा धान बेचने के बाद 15 दिनों के अंदर धान की कुल राशि का आधा पैसा उनके खाते में चला जाएगा, लेकिन अभी तक किसानों के खाते में पैसे नहीं गया। कुर्से गांव निवासी किसान चरण महतो का कहना है कि पैक्स में धान बेचने के चक्कर में अभी तक उनके खेत का धान घर के बरामदे में ही भरा पड़ा है। धान को रखने के लिए कहीं भी जगह नहीं है। एक तो पैक्स केंद्र दूरी पर है। पैक्स भी बंद है। अब कम दाम में ही सही बिचौलिए को कम दाम में धान बेचना ही पड़ेगा। तीनों केंद्रों पर मात्र 4076 क्विटल धान की खरीदारी
पतरातू प्रखंड में तीन पैक्सों में धानक्रय केंद्र बनाया गया है। इसमें पालु पैक्स केंद्र पतरातू में 1876 क्विटल, बरकाकाना पैक्स केंद्र में 1300 क्विटल व हरिहरपूर पैक्स केंद्र में 900 क्विटल धान की खरीदारी हुई है। पैक्स संचालक इंद्रजीत सिंह, विपीन मेहता व सुलेंद्र मुंडा ने बताया कि गोदाम भर जाने के कारण धान का क्रय करने में असमर्थ हैं। राइस मिलों द्वारा बड़ी गाड़ी नहीं भेजे जाने के कारण गोदान में खरीदारी की गई पूरे धान को भेज नहीं पा रहे है। इससे गोदाम भरा रहने के कारध धानक्रय नहीं हो पा रहा है। पैक्स कोसो दूर, बिचौलियों को बेचने को मजबूर
पतरातू प्रखंड में बने तीनों धानक्रय केंद्र दर्जनों पंचायतों से काफी दूर हैं। कई किसानों को अपना धान बेचने के लिए 20-25 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है। ऊपर से पैक्स केंद्र तक धान ले जाने का भाड़ा किसानों के लिए मुसीबत ही है। भदानीनगर क्षेत्र के देवरिया, कुर्से, लादी, पाली, सांकी, निम्मी, लपंगा, चोरघरा, बलकुदरा, लबगा, किन्नी, जराद आदि गांव के किसान अधिक दूरी होने के कारण अपना धान विचैलियों को बेचने को मजबूर हैं। क्षेत्र के किसान चरण महतो, अगन महतो, इंद्रजीत कुशवाहा, शैलेश कुमार आदि का कहना है कि सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान बिचैलियों को बेचने को विवश हैं। सरकार ने इन क्षेत्रों की बजाए पहाड़ पर बसे हरिहरपुर में केंद्र खोला है। जहां तक पहुंचने में सड़क भी बड़ी बाधा है।