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एमबीबीएस में नामाकन के नाम पर डेढ़ लाख की ठगी

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : गोला प्रखंड के बनतारा निवासी रिया कुमारी पिता बालेश्वर प्रजापति ने सोमवार

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Aug 2017 10:22 PM (IST)Updated: Mon, 21 Aug 2017 10:22 PM (IST)
एमबीबीएस में नामाकन के नाम पर डेढ़ लाख की ठगी

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : गोला प्रखंड के बनतारा निवासी रिया कुमारी पिता बालेश्वर प्रजापति ने सोमवार को रामगढ़ थाना में आवेदन देकर एमबीबीएस में नामाकन करने के नाम से उससे डेढ़ लाख रुपये की ठगी करने की शिकायत की है। आवेदन में रिया ने कहा है कि एमबीबीएस में नामाकन के लिए आइकोर इंस्टीच्यूट फोर मेडिकल साइंस एंड रिसर्च हलदिया पश्चिम बंगाल का एक प्रतिनिधि बताकर अमित गुप्ता नामक एक व्यक्ति आर्यन होटल राची रोड में ठहरा हुआ था। उससे मुलाकात होने पर एमबीबीएस में नामाकन का झासा देते हुए उसे बताया गया कि उसकी संस्था आइएसएच फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा गरीब बच्चों को मैनेजमेंट कोटा से स्कॉलरशीप देकर मेडिकल कॉलेज में दाखिला करवाती है। एमबीबीएस के चार साल के कोर्स में केवल डेढ़ लाख रुपये ही लगेंगे। बाकि के दो लाख 80 हजार रुपये संस्था द्वारा मेडिकल कॉलेज को डोनेट करती है। इस तरह का झासा देकर उससे फॉर्म व रजिस्ट्रेशन के लिए पहले 11 हजार रुपये आर्यन होटल में ही ले लिया गया। इसके बाद वह गत नौ अगस्त को रात वाली गाड़ी से हल्दिया ले जाया गया। दूसरे दिन 10 अगस्त को पंजाब नेशनल बैंक का एक लाख 39 हजार का ड्राफ्ट वहीं पर ले लिया गया। फिर मेल करने के बहाने बैंक से बाहर निकल क फरार हो गया। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

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छावनी परिषद में विकास शुल्क लगाए जाने का विरोध शुरू

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : छावनी परिषद के विशेष बैठक में शहर में विकास शुल्क व व्यवसाय शुल्क लगाए जाने का विरोध शुरू हो गया है। इस जनविरोधी निर्णय बताते हुए विभिन्न संगठनों ने सोमवार को छावनी अध्यक्ष को पत्र लिखकर इसे वापस लेने की माग की है। रामगढ़ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष धनंजय कुमार पुटूस ने छावनी अध्यक्ष व सीईओ को दिए ज्ञापन में इस निणय को वापस लेने की माग करते हुए आदोलन की चेतावनी दी है। धनंजय ने कहा कि रामगढ़ की जनता के साथ किसी कीमत पर अन्याय नहीं होने देंगे। इधर झारखंड आइटीआइ फोरम के विक्की कुमार ने छावनी अध्यक्ष व सीईओ को पत्र देकर स्पेशल बोर्ड मीटिंग में लगाए गए विकास शुल्क को वापस लेने की माग की है। साथ ही उन्होंने आरटीआइ के तहत बैठक में लिए गए निर्णय के बावत कई बिंदुओं


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