मन में भगवान , मंदिर में दूर से करेंगे नमन
मन चंगा तो कठौती में गंगा यह कहावत कभी किसी-किसी की जुंबा।
दिलीप कुमार सिंह, रामगढ़ : मन चंगा तो कठौती में गंगा, यह कहावत कभी किसी-किसी की जुंबा पर होती थी। अब हर जुंबा पर यह बात हो रही है। हर दिल में भगवान बसते हैं यह भी बातें हो रही है। क्योंकि वर्तमान समय में यह कहावत चरितार्थ होता दिखाई दे रहा है। हर दिल में ही अब भगवान बसेंगे और दूर से ही उन्हें नमन भी करेंगे। भगवान को स्पर्श करने की अब भक्तों को इजाजत नहीं होगी। अपने ईष्ट को मनाने के लिए उनके नजदीक ना जाकर दूर से मन की आवाज उन तक पहुंचानी होगी। इसकी आहट पूर्व से ही सनातन धर्म में सुनाई देता रहा है। यानी की सनातन धर्म में 84 करोड़ देवी देवताओं में सिर्फ भगवान भोले भंडारी ही ऐसे हैं जिनके पास अपनी विनती पहुंचाने के लिए मंदिर के बाहर स्थापित नंदी बैल के कानों में अपनी बातों को रखनी पड़ती थी। उसके बाद वह भगवान तक भक्तों की अर्जी को पहुंचाने का काम करते थे। इसी तरह अब मंदिरों में जाने के बाद सभी भक्तों को शारीरिक दूरी का पालन करना होगा। अत्यधिक भीड़ नहीं लगानी होगी। क्योंकि वर्तमान समय में कोरोना वायरस संक्रमण ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में लेकर त्राहिमाम करा दिया है। इस संक्रमण से बचाव के लिए देशभर में लॉकडाउन किया गया है। इसके तहत मंदिरों सहित धर्मिक स्थलों को भी बंद कर दिया गया है। वहां पर अन्य भक्तों को जाना वर्जित किया गया है। पंडित द्वारा ही नियमित पूजा-पाठ किया जाना है। ऐसे में मंदिरों से आने वाली घंटे की आवाज और मंत्रोचार पूरी तरह बंद है। करीब 72 दिनों बाद केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में छूट देते हुए अनलॉक कर कई नियम भी साथ में जारी किया है। इस बावत केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है। जिसमें धार्मिक स्थल पर विशेष सावधानी बरतने को कहा है। इसके तहत जब शनिवार को धार्मिक स्थलों की पड़ताल करने पहुंचे तो नजारा ही अजीब दिखा। मंदिर में सुबह, शाम को मुख्य द्वार खोला जा रहा है। पूजन के साथ नियमित आरती हो रही है। भक्तों के लिए मंदिर प्रांगण में सफेद रंग का गोलाकार चक्र बनाया जा रहा था। ताकि भक्तगण छह फीट की शारीरिक दूरी बनाकर खड़ा रहे। मंदिर समिति ने इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही साफ- सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मास्क लगाकर आने की अपील भी करेंगे। भगवान के स्पर्श पूजा पर अब पूरी तरह रोक रहेगी। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मंदिर प्रबंधन अपने को पूरी तरह तैयार कर रहा है। यानी की यह कहे की अब भक्तों को भगवान के दर पर जाने से पहले पूरी तैयारी कर जाना होगा। साथ ही समय भी निर्धारित करना होगा। ---------
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कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पूरा विश्व परेशान है। इसे लेकर सतर्कता बरतनी होगी। मंदिरों में मास्क लगाकर भक्तों को आने की अपील करेंगे। साथ ही शारीरिक दूरी बनाकर पूजन करने पर बल दिया जाएगा। इसे लेकर मंदिर को पूरी तरह से साफ-सफाई की जा रही है। संकट के काल में सभी को एक सजग नागरिक की भूमिका निभानी होगी। मंदिरों को लेकर सरकार की ओर से जो भी गाइडलाइन होगी उसका पूरी तरह पालन किया जाएगा।
-गोविद शर्मा
आचार्य, किला मंदिर बांके बिहारी मंदिर।
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सरकार की ओर से गाइडलाइन आते ही मंदिर समिति तैयारी शुरू कर दी है। मंदिर को मजदूर लगाकर साफ-सफाई करानी शुरू की है। गोलाकार चक्र बनाया जा रहा हैं ताकि शारीरिक दूरी बनी रहे। बांस बैरिकेडिग भी की जाएगी। अत्यधिक भीड़ होने से रोकना होगा। यह एक चुनौती भी है। इससे इतर भक्तों को अपने आप में जागरूक भी होना होगा। यह संक्रमण काल हैं इसमें बचना और बचाना दोना जरूरी है। मां की मूर्ति को अब स्पर्श नहीं करने की इजाजत दी जाएगी।
-महेश मारवाह
महासचिव, माता वैष्णो देवी मंदिर ट्रस्ट सह पंजाबी हिदू बिरादरी।