पर्यटन स्थल विकसित होंगे तो मिलेगा रोजगार
-जिले में पर्यटन की असीम संभावनाएं विद्यमान रोजगार के खुलेंगे अनेक अवसर दिलीप कुमार सिंह रामगढ़ कहते हैं कि जहां चाह वहीं राह। यह बात जिले के लिए सटीक
दिलीप कुमार सिंह, रामगढ़ : कहते हैं कि जहां चाह वहीं राह। यह बात जिले के लिए सटीक बैठता है। क्योंकि अपने नाम के अनुरुप रामगढ़ जिले की पहचान पूरे देश में होती है। क्योंकि यहां पर हर वर्ष पर्यटकों की बड़ी तादात पहुंचते है। इसे विकसित कर सुंदरीकरण कर दिया जाए तो यह सोने पर सुहागा हो जाएगा। जबकि जिले में पर्यटन की असीम संभावनाएं विद्यमान है। जिले की भौगोलिक स्थिति पर अगर नजर डाली जाए तो यह ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों, पेड़, पौधों व पवित्र नदियों से घिरा हुआ है। जिले की हरियाली और प्राकृतिक संपदाएं यहां आने वालों को लुभाती हैं। पूरब दिशा में सूर्य की पहली किरण रजरप्पा स्थित शक्ति पीठ विश्व प्रसिद्ध मां छिन्नमस्तिका मंदिर का चरण स्पर्श करता हैं और कलकलाती दामोदर-भैरवी संगम स्थल पर अपनी लालिमा बिखेर कर सुंदर ²ष्य उत्पन्न करता है। पश्चिम दिशा में पतरातू घाटी स्थित पतरातू डैम अपनी सुंदरता के लिए पूरे देश में अपनी पहचान बनाए हुए है। यहां पर वर्तमान में पर्यटन स्थल को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों की लागत से सुंदरीकरण कर लेक रिसोर्ट, नौका बिहार, वाटर फॅाल, मछली पालन केंद्र, सैर सपाटा के लिए कई स्पॉट, बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार की मनोरंजन के साधन, रेस्टोरेंट आदि बनाए गए है। वहीं करोड़ों रुपये की लागत से फिल्म सीटी का निर्माण हो रहा है। उसके बाद पतरातू घाटी का नजारा व सुंदर घुमाउदार सड़क पूरे देश ही नहीं विश्व में अपनी छाप छोड़ रखा है। उत्तर दिशा में पदमा राजा दलेर सिंह ने अपनी राजधानी रामगढ़ स्थानांतरित कर पहचान बनाई। जहां उन्होंने कैथा में एक शिव मंदिर का निर्माण करवाया। मंदिर के नीचे गुफा है, जहां कैथेश्वरी मां की शक्ति विद्यमान है। इसी कारण इस शिव मंदिर का नाम कैथा शिव मंदिर पड़ा। यह मंदिर गोला रोड के एनएच 23 पर रामगढ़ शहर से तीन किलोमीटर की दूरी पर है। सन 1670 में बना यह शिव मंदिर स्थापत्य कला का अछ्वुत नमूना और 348 वर्ष पुरानी मंदिर है। मंदिर की बनावट मुगल, बंगाली, राजपूत शैलियों का मिश्रण है। मंदिर का निर्माण लखौरी ईंटों को सुर्खी, चूना, दाल के मिश्रण की जुड़ाई से बनाया गया है। मंदिर को भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया है। इसी दिशा में टूटी झरना मंदिर हैं जहां भगवान शिव की लींग स्थापित है। यह मंदिर अपने आप में अनोखा है। यहां मंदिर में स्थित शिव लींग पर हमेशा जल गिरता है। इसे वैज्ञानिकों ने भी चमत्कार माना है। मंदिर की सुंदरता पाश्चात्य काल की है। मंदिर काफी सुंदर और आकर्षक है। दक्षिण दिशा में कांकेबार स्थित पहाड़ों की चोटी पर बैठी मां महामाया टूंगरी का मंदिर है। चोटी पर बैठी मां की प्रतिमा बड़ी-बड़ी आंखों वाली हर मनोकामना पुरी करने के लिए प्रसिद्ध है। पहाड़ों पर बनाया गया मंदिर जाने के लिए सीढ़ी और प्राकृतिक सुंदरता भक्तों सहित पर्यटकों को काफी लुभाता है। बस जरूरत हैं इन पर्यटकों स्थलों को ईमानदारीपूर्वक विकसित किया जाए तो यहां पर रोजागर के अनेक अवसर खुलेंगे। बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। खासकर अन्य राज्यों को रोजगार के लिए पलायन करने वालों को यहां पर रोजगार मिलेगा। इससे जिले के लोग आत्मनिर्भर होकर रोजगार पाएंगे। स्वयं का भी रोजगार कर सकेंगे।
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भागीरथी प्रयास करने की जरूरत
रजरप्पा में पर्यटकों के लिए हैंगिग ब्रिज सहित अन्य जो योजनाएं बनाई गई हैं उसे ईमानदारी से पूरा किया जाए तो यहां बड़ी संख्या में पर्यटक जुटेंगे और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे। उसी तरह पतरातू डैम, फिल्म सीटी, महामाया टूंगरी मंदिर, टूटी झरना, कैथा प्राचीन मंदिर आदि को विकसित कर दिया जाए तो लोगों को राजगार के साथ अवसर भी मिलेगा। वैसे जिले में और भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई स्थान है। जिसे डेवलप कर जिले की पहचान को और प्रगाढ़ किया जा सकता है। इस दिशा में सरकार को पूरी तन्मयता व मजबूत इच्छा शक्ति के साथ कदम बढ़ाने होंगे। तभी हम अन्य विकसित राज्यों की तरह जिला को विकसित और मजबूत राजस्व पैदा करने वाले स्त्रोत में रख सकते है। इससे यहां के लोगों के लिए स्वर्णिम कल की संभावनाएं प्रबल हो जाएगी। इसके लिए भागीरथी प्रयास होना चाहिए।
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जिले में पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए विधानसभा में बात को मजबूत तरीके से रखी हूं। ताकि मां छिन्नमस्तिका मंदिर, पतरातू डैम, लेक रिसोर्ट, पतरातू घाटी, फिल्म सिटी, कैथा प्राचीन शिव मंदिर, टूटी झरना, महामाया टूंगरी मंदिर आदि में पर्यटक जुटे और जिले के लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिल सके। इसके लिए निरंतर प्रयास कर रही हूं। हर हाल में जिले के पर्यटनस्थलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार सहित जिला प्रशासन से बातें कर रही हूं। ताकि हमारा रामगढ़ आत्मनिर्भर हो।
-ममता देवी
विधायक, रामगढ़ ।