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आत्मनिर्भर झारखंड अभियान : कोयला उद्योग को बढ़ावा देने व मजदूरों की भागीदारी की होगी पहल

फोटो 07- रामगढ़ के सीसीएल अरगडा प्रक्षेत्र में बंद पड़ी खुली खदान तरुण बागी रामगढ़ राम

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 09:31 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 06:16 AM (IST)
आत्मनिर्भर झारखंड अभियान : कोयला उद्योग को बढ़ावा देने व मजदूरों की भागीदारी की होगी पहल
आत्मनिर्भर झारखंड अभियान : कोयला उद्योग को बढ़ावा देने व मजदूरों की भागीदारी की होगी पहल

फोटो 07- रामगढ़ के सीसीएल अरगडा प्रक्षेत्र में बंद पड़ी खुली खदान

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तरुण बागी, रामगढ़ : रामगढ़ जिले में संशाधन के अभाव व सरकार की नीति के कारण बंद हो चुके कोयला आधारित सैकड़ों उद्योग-धंधों को खुलवाने की दिशा में पहल होगी। जिले के विभिन्न कोलियरियों में बंद हुए लोकल सेल के साथ ही बंद पड़े कोयला खदानों को फिर से चालू करने की दिशा में रामगढ़, मांडू व बड़कागांव के विधायक की ओर से भी पहले की जा रही है। जिले के प्रवासी मजदूरों को कोयला आधारित उद्योगों में भागीदारी दिलाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से भी प्रयास किया रहा है। रामगढ़ विधायक ममता देवी ने उपायुक्त को पत्र लिखकर प्रवासी मजदूरों को कोयला से जुड़े विभिन्न व्यवसाय के माध्यम से रोजगार दिलाने की दिशा में पहले करने की मांग की है। विदित हो कि जिले में एक दशक के पहले तक दो दर्जन से अधिक लोकल सेल का संचालन होता था। जहां मजदूर ट्रकों में कोयला लोड करते थे। प्रत्येक रोड सेल करीब-करीब एक हजार मजदूरों की कमाई का स्थायी जरिया था। यदि प्रशासन की ओर से स्थानीय स्तर पर रोड सेल को नए सिरे से ग्राम समिति बनाकर शुरू किया जाए तो वैकल्पिक तौर पर बेराजगार व प्रवासी मजदूर को रोजगार मिलना शुरू हो जाएगा

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फोटो 02- ममता देवी

लॉकडाउन के बाद जिले में बेराजगारी बढ़ी है। जिले के हजारों मजदूर काम के अभाव में बेकार हो गए हैं। रामगढ़ जिला कोयला क्षेत्र है। कोयला से जुड़े विभिन्न कार्यों में लोगों के सीधी भागीदारी से आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। इसके लिए पहल शुरू कर दी गई है। रामगढ़ के उपायुक्त से मिलकर इस दिशा में चर्चा करते हुए उन्हें पत्र भी दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी अपने स्तर से सुझाव दिया गया है कि रामगढ़ के कोयला आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने तथा कोयला उत्पादन में भागीदारी दिलाकर अधिक से अधिक बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने का अनुरोध किया गया है। वे स्वयं भी योजना बना रहे हैं कि कोयला से जुड़े कारोबार के माध्यम से किस तरह से मजदूरों को रोजगार दिलाएं। यदि किसी एक प्रखंड के पांच-छह सौ लोगों को कोयला उत्पादन से लेकर संप्रेषण के कार्य में जो़ड़ दिया जाए, तो वहां के हजारों लोगों को इसका लाभ मिलेगा। बहुत जल्द यह व्यवस्था लागू कराने की दिशा में प्रयास किया जाएगा।

- ममता देवी, विधायक रामगढ़।

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फोटो 03- मुकेश अग्रवाल

सरकार के स्तर पर नीति में बदलाव कर उद्यमियों को बेसिक रेट में कोयला उपलब्ध कराया जाए तो कोयला आधारित उद्योग फिर से जिले में पुर्नजीवित हो सकता है। सहयोग मिले तो जिले के उद्यमी फिर से अपने बंद पड़े उद्योग को चालू कर सकते हैं। इससे उद्यमियों को अपने कोयला आधारित उत्पाद बेचने में सहूलियत होगी। लघु उद्योग लाभ अर्जित कर पाएंगे। जिले के बेराजगार युवकों व प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार मिलेगा। लोकल सेल के माध्यम से ट्रांसपोर्टर, कोल डीपो समेत अन्य गतिविधियों से भी सैकड़ों को रोजगार मिलेगा।

- मुकेश अग्रवाल, उद्योगपति, रामगढ़।

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फोटो 04- शहजादा अनवर

रामगढ़ जिले में कोयला आधारित उद्योगों को फिर से चालू कराने की दिशा में राज्य सरकार से मांग करेंगे। केंद्र सरकार को भी जिले के रूग्ण कोयलद्य उद्योगों को जिदा करने की मांग की जाएगी। कोल इंडिया से मांग की जाएगी कि यहां के कोयला से जुड़े लघु उद्यमियों को प्रर्याप्त मात्रा में कोयले का आवंटन किया जाए। जिला प्रशासन के स्तर से जिले के विभिन्न कोलियरियों में बंद पड़े लोकल सेल को चालू कराने की पहले की जाएगी। इससे जिले में रोजगार का सृजन होगा। यहां के मजदूरों को रोजगार मिलेगा। कोयला उद्योग का विस्तार करने से मजदूरों का जिले से पलायन भी रूकेगा। इसके लिए वे खुद मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे। रामगढ़ की पहचान कोयला है। कोयला उद्योग को बढ़ावा देने से रामगढ़ जिले का विकास भी होगा।

- शहजादा अनवर, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सह राज्य सभा प्रत्याशी।

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फोटो 05- उपायुक्त संदीप सिंह

हर जिले में रोजगार की अपनी अलग-अलग संभावनाएं है। रामगढ़ जिले में निश्चित रूप से कोयला आधारित उद्योग के माध्यम से बेरोजगारों व प्रवासी मजदूरों को जोड़ा जा सकता है। यह उनके संज्ञान में है। कोयला से जुड़े उद्योगों से जिले के श्रमिकों व बेरोजगारों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। कोयला आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने का मामला सरकार की नीति भर निर्भर है। इस मुद़्दे पर सरकार से गाइडलाइन मिलते हीं जिला-प्रशासन स्तर पर प्राथमिकता से पहले की जाएगी।


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