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रमजान में रहमत की बारिश

रमजान मुबारक फोटो 13 संवाद सूत्र घाटो(रामगढ़) रमजान को अल्लाह-तवाला ने नेि

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 05:12 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 05:12 PM (IST)
रमजान में रहमत की बारिश

रमजान :मुबारक:::::: फोटो, 13 संवाद सूत्र, घाटो(रामगढ़): रमजान को अल्लाह-तवाला ने नेकियों का महीना बनाया है। इसमें जितने भी नेकियों के पहलु निकलते हैं, दूसरे कर्म में मुश्किल से ही बनते हैं। रोजे की संरचना अल्लाह ने ऐसी बनाई है कि वह नेकियों की राह बनाता है। और गुनाहों के रास्ते को रोकता है। रमजान का पाक महीना हमदर्दी

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व मदद का होता है। इसमें मुसलमान पूरी तरह से धर्म व ईमानदारी के रास्ते पर चलाना सीखते हैं। अपने गुनाहों से तौबा करते हैं। अल्लाह के नेक रास्ते पर चलने की दुआ करते हैं। रोजा रखने के दौरान सेहरी व इफ्तार के समय

अल्लाह से मांगी गई दुआ कबूल होती है। रोजा रखना अल्लाह के यहां दर्ज होता है। कयामत के दिन अल्लाह जब हिसाब-किताब करता है, तो रोजेदारों को उनके रोजे के नेक कर्मो की वजह से जन्नत नसीब होता है। रमजान के महीने में रोजेदारों को इफ्तार के समय खाना खिलाने वाला भी उतने ही पुण्य का भागी होता है। उसे उसके बदले जन्नत नसीब होता है। रमजान वास्तव में मनोकामना पर काबू पाने और उसकी बुरी आदतों को कमजोर करने का एक वाíषक

प्रशिक्षण है, जो अल्लाह और बंदे को एक दूसरे के समीप लाता है। रोजा यूं तो जाहिर में पौ फटने के वक्त से सूर्यास्त वक्त तक खाने-पीने से बचने का नाम है, लेकिन इसके साथ झूठ से, चुगलखोरी से और जुबान

व हाथ के दूसरे गुनाहों से पूरा परहेज करने का भी नाम है। हदीस में आया है कि किसी ने रोजा रखा और पूरा परहेज नही किया तो उसको भूखा-प्यासा रहने की क्या जरूरत है।


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