अल्लाह का अनमोल तोहफा है ईद
घाटो (रामगढ़) : ईद हम सब को इस बात की याद दिलाती है कि वह खुशी, खुशी नही, जिसमें पूरे समाज को शामिल
घाटो (रामगढ़) : ईद हम सब को इस बात की याद दिलाती है कि वह खुशी, खुशी नही, जिसमें पूरे समाज को शामिल न किया जाए। एक आदमी के घर में खुशी का दिया जले और पड़ोस के घर में गम का अंधेरा हो तो वह मुबारक खुशी नही हो सकता। वह खुशी नाकाम है, जो अपने घर तक ही सीमित रहे। अपने घर में मीठा पकवान बने और पड़ोस के घर में एक रोटी भी नहीं बने, तो वैसा ईद मनाना बेकार है। इस्लाम की शिक्षा यह है कि उसके मानने वाले अपनी खुशी में समाज के गरीबों को भी शामिल करें। मुसलमान वह है जो दूसरे के गम को अपना गम समझकर दूर करे। ईद अल्लाह का तोहफा है। वही ईद से पूर्व रमजान महीने में रोजा रखकर अपने गुनाहों की सच्चे दिल से माफी मांगता है। अल्लाह अपने बंदों के गुनाहों को माफ कर देता है। रमजान बुराईयों को मिटा कर अल्लाह से करीब होने का सुनहरा मौका है। जो इंसान इस दौरान नेक काम या इबादत करता है, अल्लाह उसको 70 गुना अधिक सवाब देता है। इसलिये रमजान पाक के महीने में ज्यादा से ज्यादा इबादत करें। कुरान शरीफ की तिलावत करें और नेक काम करें। इन दिनों सोना भी किसी इबादत से कम नही है। रोजेदार को हर सांस पर सवाब मिलता है। पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब ने फरमाया है कि जो इंसान रमजान के महीने में दाखिल हो जाए, वह बहुत ही खुशनसीब है, कि अल्लाह ने उसे उनके गुनाहों की तौबा के साथ जन्नत में जाने का मौका दिया।