प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए पेड़ पौधों का होना जरूरी
प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए पौधे बेहद जरूरी बीडीओ
प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए पेड़ पौधों का होना जरूरी
पौधे लगाने से जहां पर्यावरण संरक्षित होता है वहीं लोगों को मिलती है शुद्ध आक्सीजन
फ़ोटो 10 महाविद्यालय परिसर में पौधरोपण करते बीडीओ व अन्य।
संवाद सूत्र, रजरप्पा(रामगढ़) : मुस्कुराहटें संस्था एवं राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ, चितरपुर महाविद्यालय के द्वारा गुरुवार को चितरपुर स्थित चितरपुर महाविद्यालय के प्रांगण में वन महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि के रूप में चितरपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी उदय कुमार व विशिष्ट अतिथि अंचलाधिकारी तृप्ति विजया कुजूर, प्राचार्या डा संज्ञा मौजूद थीं। वन महोत्सव कार्यक्रम के दौरान पौधे रोपित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए पौधे बेहद जरूरी हैं। पौधे लगाने से जहां पर्यावरण संरक्षित होता है वहीं लोगों को शुद्ध आक्सीजन भी मिलती है। इसलिए हमें समय-समय पर पौधे रोपित कर उनकी देखभाल भी करनी चाहिए। वहीं विशिष्ट अतिथि ने कहा कि पेड़-पौधे जहां हमारी प्रकृति को हरा भरा बनाते हैं वहीं वातावरण को भी शुद्ध बनाए रखते हैं। उन्होंने कहा कि अगर पेड़-पौधे नहीं रहेंगे तो पृथ्वी में असंतुलन बढ़ जाएगा। इसलिए हमें अपने जीवन में पौधे लगाना चाहिए। पर्यावरण विभाग प्रभारी अशोक कुमार ने कहा कि पेड़ हमारे जीवन में संजीवनी के समान है। पेड़-पौधे नहीं रहेंगे तो हम सब व्यक्ति भी चैन से नहीं रह सकते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम एक पेड़ लगाने का संकल्प जरूर लेना चाहिए ताकि बढ़ते प्रदूषण से राहत मिल सके। इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत संस्था के अध्यक्ष विवेकानन्द वर्मा ने पौधा देकर किया। इस दौरान कार्यक्रम में संस्था की ओर से 50 छायेदार एवं फलदार पौधे लगाए गए। कार्यक्रम का संचालन संस्था के पर्यावरण विभाग प्रभारी अशोक कुमार ने किया। मौके पर संस्था के कोषाध्यक्ष नवीन कुमार, शिक्षा विभाग प्रभारी शेखर कुमार दांगी, विविध विभाग प्रभारी राज कुमार, अमिताभ गौरव, कमल साव, रितिक राज वर्मा समेत महाविद्यालय के शिक्षकों के साथ बच्चे व कर्मचारी मौजूद थे।