एदार-ए-शरिया की बैठक में फिजूलखर्ची पर रोक की सलाह
एदारे शरिया के जिलास्तरीय बैठक में फिजूलखर्ची बेवजह की रस्मों पर रोक लगाने का लिया निर्णय
एदार-ए-शरिया की बैठक में फिजूलखर्ची पर रोक की सलाह
फोटो मंचासीन अतिथि व अन्य
संवाद सूत्र, बरकाकाना (रामगढ़) : मजहब ए इस्लाम में बढ़ती सामाजिक बुराइयों जैसे शादियों में बैंड-बाजा, ढ़ोल-ताशा, डीजे, आतिशबाजी, नाच-गाना, दहेज व अन्य फिजूलखर्ची पर एदार-ए-शरिया रामगढ़ दुर्गी में रविवार को 'इसलाहे मुआवशरा' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें रामगढ़ जिला के मुस्लिम गांव सहित बोकारो और हजारीबाग जिला के सीमावर्ती गांव के सदर, सिक्रेट्री, उलेमा और गणमान्य लोग शामिल हुए। कार्यक्रम कि सरपरस्ती मुफ्ती अब्दुल कुद्दूश मिसवाही, अध्यक्षता हाजी मो खलील और संचालक कारी मनोव्वर सैफी ने किया। सर्वसम्मति से मजहब ए इस्लाम में बेवजह की रस्मों और शरीयत के खिलाफ होनेवाले रिवाज, बढ़ती सामाजिक बुराइयों, शादियों में बैंड-बाजा, ढोल-ताशा, डीजे, आतिशबाजी, नाच-गाना, दहेज, सीमित बाराती व अन्य फिजूलखर्ची पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया गया। इसके अलावा युवाओं में धीमा जहर की तरह फैल रहे नशाखोरी पर नकेल कसने पर जोर दिया गया। पूरे जिले में निगरानी के लिए सभी अंजुमन को जिम्मेवारी सौंपी गई।मौके पर मुख्य रूप से मौलाना अनवर हुसैन, मुफ्ती मो फहीमुद्दीन, मौलाना सिद्दीकुल कादरी, मौलाना अबू हुरैरा, मौलाना इकबाल मिस्बाही, मौलाना गुलाम जिलानी, एदारे शरिया सिकरेट्री इम्तियाज़ अंसारी, हाजी अब्दुल रशीद, मो ताहिर हुसैन, मो रुस्तम अंसारी, आदि मौजूद थे।