बीरू मांझी की पत्नी को न्याय दिलाने की प्रक्रिया शुरू
मुख्यमंत्री कें आदेश के बाद न्याय की प्रक्रिया शुरू।
संवाद सूत्र, लपंगा(रामगढ): सूदखोरों के चंगुल में फंसे भुरकुंडा, जवाहरनगर निवासी स्व. बीरू मांझी को दो साल बाद मुख्यमंत्री की पहल पर न्याय मिलना शुरू हो गया है। दैनिक जागरण में छपी खबर के हवाले से ट्विटर के माध्यम से दिए गए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद सेवानृवित सीसीएल कर्मी स्व. बीरू मांझी की पत्नी की मदद को लेकर बुधवार को पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद दिखा। पुलिस प्रशासन पीड़ित महिला को राशन कार्ड बनवाने, पेंशन चालू करवाने, आधार कार्ड बनवाने सहित हर सरकारी लाभ दिलवाने के लिए कागजी कोरम पूरा कर रहा है।
दो साल पूर्व बैंक अधिकारी के साथ मिलकर सूदखोर सुरेश महतो ने रिटायर्ट सीसीएलकर्मी से 14 लाख रुपये हड़प लिए थे। सदमें में बीरू मांझी की मौत हो गई थी। पत्नी ने भीख मांगकर दाह संस्कार किया था। सूदखारों के चंगुल में फंसकर सब कुछ खो चुके विधवा ने किसी भी तरह का कर्मकांड के साथ भोज नहीं कर पाई। विधवा पत्नी के साथ एक बेटा जब भूख से मौत के कगार पर पहुंचने लगी। तो दैनिक जागरण ने 9 फरवरी 2018 को पूरे मामले का खुलासा किया। इसके बाद क्षेत्र के कुछ समाजसेवियों ने पीड़ित महिला को गाहे बगाहे दाल चावल से मदद करते रहे। जागरण ने लगातार इस मामले को लेकर समाचार प्रकाशित किया। इधर दो साल से न्याय के लिए तड़प रही विधवा को न्याय दिलाने के लिए दैनिक जागरण की खबर के साथ भुरकुंडा निवासी प्रधान सामत मुंडा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शिकायत पत्र भेजने के साथ-साथ ट्वीट कर जानकारी दी। इसपर मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए रामगढ डीसी को जांच के बाद कार्रवाई करने का आदेश दिया। साथ ही पीड़ित महिला को हरसंभव मदद करने को कहा। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद डीसी संदीप सिंह हरकत में आए। इसके बाद पतरातू प्रखंड के पुलिस प्रशासन में खलबली मच गई। पतरातू बीडीओ शिलवंत भट्ट, सीओ निर्भय कुमार, एसडीपीओ प्रकाश चन्द्र महतो, भुरकुंडा ओपी प्रभारी रघुनाथ सिंह, मंजु रविदास,मुखिया प्रदीप मांझी, अजय साहू, रंगबहादुर सिंह, सुरेंद्र यादव ने पीड़िता के आवास पहुंच कर उनसे पूछताछ करने के साथ महिला को दाल, चावल, नमक मसाला सहित चौकी प्रदान किया।
बैंक ऑफ इंडिया पहुंची अधिकारियों की जांच टीम
संवाद सूत्र, लपंगा (रामगढ) : रिटायर्ट सीसीएलकर्मी बीरू मांझी से बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर चिकोर निवासी सुदखोर सुरेश महतो द्वारा हड़पे गए चौदह लाख रुपये के मामले पर जांच टीम भुरकुंडा पटेलनगर स्थित बैंक ऑफ इंडिया पहुंची। जांच टीम में अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक रामगढ़ के साथ बीडीओ पतरातू शिलवंत भट्ट ने बैंक मैनेजर से घंटों पूछताछ की। साथ ही बीरू मांझी के बैंक अकाउंट के साथ सूदखोर सुरेश महतो के बैंक अकाउंट की भी जानकारी ली गई। इसके बाद बैंक मैनेजर लिखित में अपने उच्च अधिकारियों को अवगत कराने की बात कही। फिलहाल आरोपित बैंक मैनेजर का ट्रांसफर हो गया है।
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सूदखोर ने दो हजार निकालने में निकाल लिए 13.75 लाख
संवाद सूत्र, लपंगा (रामगढ) : सूदखोर सुरेश महतो द्वारा ठगी की जानकारी होने के बाद बीरू मांझी ने पहले थाने फिर कोर्ट की शरण ली। दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि दो साल पूर्व बीरू मांझी का रिटायरमेंट का पैसा निकालने में मदद करने की बात कहकर सुरेश महतो ने बीरू मांझी को झांसे में लिया। सुरेश महतो भुरकुंडा बाजार में कपड़े की दुकान चलाता है। कपड़ा बिक्री के दौरान ही बीरू मांझी से उसका परिचय हुआ। मात्र दो हजार रुपये बैंक खाते से निकालने की बात कहकर सुरेश ने बीरू मांझी के अकाउंट से तेरह लाख 75 हजार रुपये निकाल लिए। उक्त राशि व पासबुक को सुरेश महतो ने बीरू मांझी को नहीं लौटाया। कुछेक माह बाद डुप्लीकेट पासबुक के सहारे बीरू मांझी को पता चला कि उसका पूरे रिटायरमेंट का पैसा निकल गया है। दर्ज मामले में बीरू मांझी ने बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर और कैशियर सहित सुरेश महतो को आरोपी बनाया था। साथ ही आरोप लगाया है कि मैनेजर और कैशियर ने दो-दो लाख और अन्य स्टाफ ने 50 हजार रुपये लेकर सुदखोर सुरेश महतो को पैसा हड़पने में मदद की है। सालभर तक बीरू ने थाना पुलिस, कोर्ट, नेता व समाज के लोगों से न्याय की गुहार लगाई। आखरिकार सालभर पूर्व बीरू मांझी अभाव, गरीबी का दंश झेलते हुए पैसा हड़पने के सदमें में चल बसा। फिलहाल बीरू की दिव्यांग पत्नी व बेटा भी भुखमरी की स्थिति में पहुंच गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद पीड़ित महिला को दाल- चावल उपलब्ध कराया गया है।