नहीं जानते थे प्रदूषण, अब बनवा रहे पॉल्यूशन सर्टिफिकेट
रामगढ़ नहीं जानते थे प्रदूषण अब बनवा रहे पाल्युशन सर्टिफिकेट। कार की छोड़िये अब बाइक व स्कूटी सवार भी पाल्यूशन सर्टिफकेट बनवाने के लिए लोग घंटों लाइन में लगे हैं। यह नजारा रामगढ़ के दो प्रदूषण जांच केंद्रों में आसानी से देखने को मिल जा रहा है। कई बाइक सवार इतनी उत्सुकता से सब कुछ देख रहे थे और उन्हें सहज नहीं लग रहा था कि उन्हें भी प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाना है।
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : नहीं जानते थे प्रदूषण, अब बनवा रहे पाल्यूशन सर्टिफिकेट। कार की छोड़िये अब बाइक व स्कूटी सवार भी पाल्यूशन सर्टिफकेट बनवाने के लिए घंटों लाइन में लगे हैं। यह नजारा रामगढ़ के दो प्रदूषण जांच केंद्रों में आसानी से देखने को मिल जा रहा है। कई बाइक सवार उत्सुकता से सब कुछ देख रहे थे और उन्हें सहज नहीं लग रहा था कि उन्हें भी प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाना है। लेकिन यातायात नियमों के पालन के दौरान इस बार तो केवल एक हजार जुर्माना लेकर छोड़ दिया गया है, अगर अगली बार बगैर पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के पकड़े गए तो निर्धारित दस हजार रुपये का फाइन होगा। एक सितंबर से पहले तक जहां प्रदूषण जांच केंद्रों में केवल 25-30 लोग पॉल्यूशन सर्टिफिकेट लेने पहुंचते थे। वहीं अब प्रतिदिन ढ़ाई सौ से तीन सौ वाहनों का सर्टिफिकेट निर्गत किया जा रहा है। वर्तमान में एक सितंबर से अब तक दो प्रदूषण जांच केंद्रों से करीब 36 सौ सर्टिफिकेट निर्गत किया जा रहा है। इनमें बंगाल प्रदूषण जांच केंद्र के संचालक ने बताया कि पहले 20 से 30 वाहनों का सर्टिफिकेट बनने आता था लेकिन अब एक सितंबर से यह आंकड़ा ढ़ाई सौ से तीन सौ के बीच पहुंच गया है। कुछ यही स्थिति हेल्मेट को लेकर भी है। कल तक मोटरसाइकिल पर केवल गॉगल्स पहनकर फर्राटे भरने वाले बाइक राइडर्स अब हेल्मेट पहनकर घूम रहे हैं। हालांकि पुलिस व जिला परिवहन विभाग की टीम को चकमा देने के चक्कर में जुर्माना भी भर रहे हैं। इधर हेल्मेट की बिक्री भी शहर में बढ़ गई है। इस संबंध में मेनरोड के त्रिशुल ऑटोमोबाइल्स के भूपत बढ़ेरा ने कहा कि हेल्मेट की मांग के अनुरूप हेल्मेट कंपनियां हेल्मेट आपूर्ति नहीं कर पा रही है। गोलपार स्थित अनुभवी ऑटोमोबाइल्स के संचालक विशाल सिंह ने कहा कि नया नियम लागू होते ही हेल्मेट की मांग बढ़ी है लेकिन कुछ लोग सस्ते हेल्मेट के चक्कर में क्वालिटी से भी समझौता कर ले रहे हैं।