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दशलक्षण पर्व के पहले दिन हुई उत्तम क्षमा धर्म की पूजा

रामगढ़ : शहर के श्री दिगंबर जैन मंदिर व रांची रोड स्थित पा‌र्श्वनाथ जैन मंदिर में शुक्रवार

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 08:30 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 08:30 PM (IST)
दशलक्षण पर्व के पहले दिन हुई उत्तम क्षमा धर्म की पूजा
दशलक्षण पर्व के पहले दिन हुई उत्तम क्षमा धर्म की पूजा

रामगढ़ : शहर के श्री दिगंबर जैन मंदिर व रांची रोड स्थित पा‌र्श्वनाथ जैन मंदिर में शुक्रवार से दशलक्षण महापर्व का दशलक्षण विद्यान का मांडला स्थापित कर धूमधाम के साथ आगाज किया गया। प्रथम दिन उत्तम क्षमा धर्म की पूजा की गई। इस दौरान प्रतिष्ठाचार्य सूर्य शास्त्री ने कहा कि उत्तम छमा, सबकों क्षमा, सबसे क्षमा पर्व हमे सहनशीलता से रहने की प्रेरणा देता है। अपने विवेक से, नम्रता से उसे विफल कर देना है। क्षमा पर्व मनाते समय अपने मन में छोटे-बड़े का भेदभाव न रखते हुए सभी से क्षमा मांगना इस पर्व का उद्देश्य है। हम सब यह क्यों भूल जाते है कि इंसान है और इंसानों से गलतियां हो जाना स्वभाविक है। ये गलतियां या तो हमसे हमारी परिस्थितियां करवाती हैं या अज्ञानवश हो जाती है। तो ऐसी गलितियों पर न हमें दूसरों को सजा देने का हक है, न स्वयं को। कहा कि यदि संत़ुष्टी के लिए कुछ देना है तो क्षमा दिजिए। इधर मुख्य कलश को मंदिर में स्थापित रामेश सेटी व नागरमल जैन ने किया। अनय कलश स्थापना हीरालाल पाटनी, संजय सेटी, संपतलाल चुरीवाल, हरजीलाल जैन, सुभाष जैन, नरेंद्र जैन,देवंद्र जैन, सुरेश सेटी ने किया। प्रथम जलाभिषेक दिलीप चुरीवाल, नरेंद्र छाबरा, शांतिधारा सुभाष पाटनी, ललीत जैन, अखंड ज्योत रमेश सेटी ने किया। जबकि पंच मेरू की स्थापना ललीत चुरीवाल, महावीर जैन, कनल जैन, भागचंद जैन ने किया। अष्ट मंगल स्थापना मीना जैन, डॉली जैन, शारदा जैन, उषा जैन, कवर देवी बगरा, प्रतिभा सेटी व राहुल जैन ने किया। इस दौरान बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद थे।

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