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तीन तलाक बिल के विरोध में मुस्लिम महिलाओं की रैली, कहा-शरीयत से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं; जान दे देंगे

तीन तलाक पर फैसले के विरोध में रामगढ़ में मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि शरीयत से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं, जान दे देंगे।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 07 Mar 2018 03:35 PM (IST)Updated: Wed, 07 Mar 2018 06:25 PM (IST)
तीन तलाक बिल के विरोध में मुस्लिम महिलाओं की रैली, कहा-शरीयत से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं; जान दे देंगे
तीन तलाक बिल के विरोध में मुस्लिम महिलाओं की रैली, कहा-शरीयत से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं; जान दे देंगे

संसू, चितरपुर (रामगढ़)। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अह्वान पर चितरपुर जामा मस्जिद कमेटी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन तलाक बिल के विरोध में चितरपुर प्रखंड की हजारों महिलाओं ने जुलूस निकालकर विरोध प्रकट किया। जुलूस ईदगाह मैदान से शुरू होकर वर टोला, नीम टोला, दारुल मोटाला, सरकार मुहल्ला, कुम्हार टोला होते हुए एनएच 23 पहुंची। यहां से बाजारटांड होते हुए चितरपुर हाई स्कूल मैदान पहुंची। यहां पहुंचकर जुलूस सभा मे तब्दील हो गया। जुलूस के दौरान सभी मुस्लिम महिलाएं हाथों में तख्तियां लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए तीन तलाक बिल का विरोध कर रही थी।

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तख्तियों में हम कानून शरीअत के पाबंद हैं, हम तलाक बिल वापसी की मांग करते हैं, हम राष्ट्रपति अभिभाषण का निंदा करते हैं आदि स्लोगन लिखे थे। चितरपुर हाईस्कूल मैदान में आयोजित सभा की शुरुआत डॉ सीमा नाज द्वारा तिलावते कुरआन के साथ किया गया। मौके पर मौजूद आयोजन समिति की अध्यक्षा ड़ॉ तनवीर फातमा ने कहा कि हमारी शरीअत पूरी तरह से मुकम्मल है। इसमें किसी तरह का बदलाव हम महिलाएं नहीं चाहती हैं। इस्लाम में महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिया गया हैं। इसलिए अगर हमारी शरीअत के साथ खिलवाड़ किया गया तो हम लोग इसका जोरदार विरोध करेंगे और जरूरत पड़ी तो जान भी कुर्बान कर देंगे।

 

वहीं, समिति की सईदा खातून ने कहा कि इस्लाम में तीन तलाक जायज है, महिलाएं अगर चाहे तो अपने पति को खुला दे सकती हैं। वहीं, पुरुष को भी तीन तलाक देने का हक हैं। क्योंकि यह हमारी शरीअत में लिखा हुआ हैं। इसलिए हमलोग तीन तलाक बिल का विरोध करते हैं। हमपर इंसानी कानून लागू नही किया जा सकता हैं। वहीं, रक्षंदा जबीन ने कहा कि अगर हिंदू तलाक देता है तो उसे एक साल की सजा और मुस्लिम भाइयों को तीन साल की सजा ऐसा क्यों। मोदी सरकार मुसलमानों के खिलाफ कार्य कर रही। हम सब महिलाएं इसका विरोध करते हैं और तीन तलाक बिल वापस लेने की मांग करते हैं। तत्पश्चात बारी बारी से कई महिलाओं ने तीन तलाक बिल के खिलाफ भाषण देकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए बिल को खत्म करने की मांग की। जिसके बाद राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन चितरपुर जेई प्रफुल कुमार महतो को सौंपा गया।

कार्यक्रम का संचालन रूमा नाज और रुकसार तबस्सुम ने किया। मौके पर शहजादा अनवर, रफीक अनवर, जकाउल्लाह, इंतेखाब आलम, शालिक अहमद, अनवर करीम, यूसुफ मजहर, नौशाद अख्तर, जामा मस्जिद के सचिव मो अहमद खान, शहरयार अहमद, डॉ सीमा नाज, फरहा नाज, फरजाना जबी, शकीला बानो, आफरीन तबस्सुम, वसीमा खातून, जेबा जरीन, सादिया रेहान, अबिया खातून, फरजाना जलील, गुलनाज फातमा, सिमरन खातून सहित कई मौजूद थे।

जसोदाबेन जैसी कमजोर नही हैं मुस्लिम महिलाएं

चितरपुर हाई स्कूल मैदान में तीन तलाक बिल के विरोध में आयोजित सभा मे हज़ारों महिलाओं ने एक साथ पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ गुस्सा निकाला। महिलाओं ने एक स्वर से कहा कि पीएम मोदी की पत्नी जसोदाबेन व जैसी मुस्लिम महिलाएं कमजोर नही हैं। हमलोग जान दें सकते हैं पर ईमान नही बेच सकते। शरीअत का कानून ही हमारे लिये हर कुछ हैं न कि इंसानी कानून।

एक मंच पर दिखे विभिन्न दलों के नेता

तीन तलाक कानून के विरोध में मुस्लिम महिलाओं द्वारा विशाल रैली निकाला गया। रैली में विभिन्न पार्टी के नेता एक मंच पर दिखाई दिए।

घंटों जाम रहा एनएच 23

मुस्लिम समुदाय की महिलाओं द्वारा निकाली गई रैली से रामगढ़ - बोकारो मार्ग घंटों जाम रहा। जिस कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वाहन जहां तहां खड़े रहे। 

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