बरसात शुरू होते हीं पुराने एनएच-33 का वास्तविक स्वरूप सामने आया
क्षेत्र में फोरलेन निर्माण के बाद पुराने एनएच-33 से मानो सं
संवाद सूत्र, कुजू/नयामोड़(रामगढ़): क्षेत्र में फोरलेन निर्माण के बाद पुराने एनएच-33 से मानो संबंधित विभाग ने नजरें ही फेर ली हो। बरसात आते ही एनएच का वास्तविक स्वरूप सामने आ गया है। सड़क पर जल निकासी का उचित प्रबंध न होने के कारण तालाब में तब्दील एनएच में छुपे गड्ढे दुर्घटनाओं को निमंत्रण देने के लिए तैयार हो गए। यूं तो फोरलेन बनने के बाद अतिव्यस्ततम एनएच-33 की व्यस्तता जरूर कम हुई है। भारी वाहनों की आवाजाही लगभग फोरलेन से होने लगी है, लेकिन भरी आबादी के बीच से गुजरे पुराने एनएच-33 पर भी छोटे वाहनों सहित बड़े वाहनों की भीड़ कुछ कम नहीं है। ऐसे में विभागीय उदासीनता लॉकडाउन की इस अवधि में दुर्घटनाओं में सहभागी बन रही है। रांची-पटना का पुराना मार्ग, देश-प्रदेश की चर्चित कोयला मंडी सहित आसपास की बड़ी आबादी की वजह से वर्तमान में भी एनएच-33 पर वाहनों का काफी आवागमन है। बावजूद डटमा मोड़, कुजू के निकट उक्त सड़क पर बना बड़ा गड्ढे व जल निकासी न होने के कारण बना तालाब आनेजाने वाले लोगों व वाहनों को खुलेआम चुनौती दे रहा है। लेकिन अब तक विभाग(पीडब्लूडी)की नजरें इनायत इस ओर नहीं हुई हैं। फलत: दुर्घटनाओं का सिलसिला प्रारंभ हो चला है। सोमवार की रात एनएच-33 पर बने तालाब में छुपे बड़े गड्ढे में गिरा भारी-भरकम ट्रक वहीं ठहर गया। घटना में चालक-उपचालक को तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन ट्रक के कई कल-पुर्जों ने वहीं दम तोड़ दिया।उक्त स्थान के आसपास कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान,नर्सिंग होम आदि हैं। जहां लोगों को आनेजाने में कई फजीहतों का सामना करना पड़ रहा है। उक्त स्थल के हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि पैदल यात्री व दोपहिया वाहन चालक की बात छोड़िये डर से चारपहिया वाले भी वाहन इतनी सतर्कता से चला रहे हैं कि कहीं कोई घटना न हो जाए। फिर भी विभाग द्वारा इसकी मरम्मत अथवा निर्माण की ओर ध्यान न दिया जाना क्षेत्र व गुजरने वाले लोगों के लिए काफी दुखदायी है। इस संबंध में पीडब्लूडी के कार्यपालक अभियंता राजेश मुर्मू ने बताया कि उक्त सड़क को लेकर विभाग गंभीर है। जल्द ही इसकी मरम्मती कराई जाएगी। विभाग उक्त सड़क व जल निकासी प्रबंध के लिए जुटा है। प्रशासनिक स्वीकृति मिलते ही कार्य प्रारंभ किया जाएगा।ताकि लोगों की जानमाल की सुरक्षा हो सके।