केयूजीपी पर मंडरा रहा बंदी का खतरा
ेपरियोजना में पसरा है सन्नाटा काम के जगह पर हो रही है चुनावी चर्चा
घाटो: विगत दो सप्ताह से बंद पड़े सीसीएल केदला भूगर्भ परियोजना से प्रबंधन द्वारा अब अधिकारियों व कामगारों को तबादला होना शुरू हो गया है, जिससे कयास लगाया जा रहा है कि अब केयूजीपी बंद हो जाएगा। प्रबंधन ने छह ओवरमैन सहित इलेक्ट्रीकल फीटर महेन्द्र राम व मैनिकल मणी महतो को सीसीएल के तापीन नार्थ में तबादला कर दिया है। पीओ आरबी प्रजापति के मुताबिक तापीन में कुछ ओवरमैन व इलेक्ट्रीकल फीटर व मैकनिकल की जरूरत था। इसके कारण अस्थाई रूप से वैसे लोगों को भेजा गया है। विधानसभा चुनाव के बाद उम्मीद है कि सीटीओ पेपर मिल जाएगा, तो उनलोगों को पुन: बुला लिया जाएगा। वही दूसरी ओर काम नही रहने के कारण परियोजना में कामगार से लेकर अधिकारी हाजरी बनाकर चुनाव पर चर्चा करने लगे है। सनद रहे कि झारखंड स्टेट पर्यावरण कंट्रोल बोर्ड द्वारा सीसीएल केदला भूगर्भ परियोजना के प्रबंधन को दिये गए नोटिस के आलोक में विगत दो सप्ताह से परियोजना में कोयला उत्पादन ठप है। लगभग चार सौ मजदूर हाजरी बनाकर इधर-उधर समय काटने को विवश है। कुछ मजदूरों को साफ-सफाई व मरम्मती कार्य में लगा दिया गया है। बोर्ड द्वारा पर्यावरण को लेकर मंजूरी नही मिलने पर अधिकारियों से लेकर कामगारों के बीच हड़कंप मचा हुआ है। इस संबंध में पीओ ने बताया कि नोटिस में लिखा गया है कि जितना लक्ष्य दिया गया था, उससे अधिक कोयला का उत्पादन कर लिया गया है, जिसके कारण पर्यावरण को नुकसान पहुंचने का खतरा उत्पन्न हो गया है। इसलिए परियोजना को बंद किया जाए। पीओ ने कहा कि परियोजना को बचाने का प्रयास प्रबंधन द्वारा किया जा रहा है। वहीं कोयला उत्पादन ठप होने से सीसीएल को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।