फूलों से सज रहा है मां छिन्नमस्तिके का दरबार
वासंतिक नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की हुई पूजा-अर्चना साधकों ने मां चंद्रघंटा किया आह्वान
रजरप्पा : वासंतिक नवरात्र के तीसरे दिन सोमवार को मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की गई। नवरात्र के अनुष्ठान के लिए विभिन्न राज्यों से पहुंचे साधकों और भक्तों ने छिन्नमस्तिके मंदिर में मां चंद्रघंटा का आह्वान किया। छिन्नमस्तिके मंदिर प्रक्षेत्र में तीसरे दिन भी माता रानी के जयकारे गूंजते रहे। वहीं साधकों ने हवन कुंडों में अग्नि प्रज्वलित कर हवन किया गया। साथ ही इधर चैत्र नवरात्र के मौके पर मां छिन्नमस्तिके मंदिर को फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है। छिन्नमस्तिके मंदिर के पुजारी शुभाशीष पंडा ने बताया कि मंदिर को सजाने के लिए कोलकाता से दर्जनों कारीगर आए हुए हैं। उन्होंने बताया कि कारीगर मां का दरबार को आकर्षक रुप में देने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे है। उन्होंने कहा कि मां का दरबार फूलों से सजने के बाद मंदिर की सुंदरता देखते ही बनेगी। साथ ही रात में टिमटिमाती बल्बों की रौशनी के कारण मंदिर की सुंदरता में चार चांद लग जाएगा। इधर कोयलांचल के आसपास के क्षेत्रों में भक्ति का बयार बह रही है। मंदिरों में सुबह और शाम भक्तों की भीड़ लग रही है। आवासीय कॉलोनी के गायत्री मंदिर में हर शाम दर्जनों महिलाएं माता रानी की आरती कर रही है।
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आज होगी माता कुष्मांडा की पूजा
आजचैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मंगलवार को मां भगवती के चौथे स्वरुप माता कुष्मांडा की पूजा की जाएगी। पुजारी सुभाशिष पंडा ने बताया कि माता कुष्मांडा की आठ भुजाएं हैं। ये अष्ट भुजा देवी के नाम से भी विख्यात है। माता कूष्माण्डा की पूजा अर्चना श्रद्धालुओं को शांत-संयत होकर, भक्ति भाव से करनी चाहिए। इनकी उपासना से भक्तों को सभी सिद्धियां व निधियां मिलती हैं।