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श्मशान में गड्ढा करने के विरोध में उतरे ग्रामीण

उरीमारी/भुरकुंडा : सीसीएल बरका-सयाल प्रक्षेत्र अंतर्गत न्यू बिरसा आउटसोर्सिंग परियोजना में र

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Feb 2018 09:22 PM (IST)Updated: Sat, 10 Feb 2018 09:22 PM (IST)
श्मशान में गड्ढा करने के विरोध में उतरे ग्रामीण
श्मशान में गड्ढा करने के विरोध में उतरे ग्रामीण

उरीमारी/भुरकुंडा : सीसीएल बरका-सयाल प्रक्षेत्र अंतर्गत न्यू बिरसा आउटसोर्सिंग परियोजना में रेलवे साई¨डग निर्माण कार्य को ग्रामीणों ने विरोध करते हुए शनिवार को रूकवा दिया। ग्रामीणों ने उरीमारी स्थित दामोदर नदी के पास जंगल में रूकवा दिया। ग्रामीणों ने यह काम संथाली आदिवासी समाज के श्मशान घाट को गड्ढा कर तीतर-बितर करने के विरोध में किया गया। ग्रामीणों का कहना था कि हमारे पूर्वजों को दफनाया गया था। साथ ही जो भी हमारे समाज में मरते हैं यहीं फनाया जाता है। लेकिन रेलवे साई¨डग निर्माण के लिए श्मशान घाट में जहां-तहां गड्ढा कर मिट्टी से समतलीकरण किया जा रहा है। यह समतलीकरण जोजो टोला तक जाएगा। विरोध प्रकट करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि पूर्व की तरह इस श्मशान घाट को संबंधित ठेकेदार या विभाग को बनाना होगा। ऐसा नहीं करने पर यहां कोई काम नहीं होगा। काम बंद रहेगा। इधर शनिवार की देर शाम रेलवे विभाग के जेई शशि कुमार से वार्ता ग्रामीणों की हुई। जिसमें विभाग की ओर से आश्वासन दिया गया कि श्मशान घाट की पुन: मिट्टी भराई कर पूर्व की स्थिति में लाया जाएगा। सफलता पूर्वक वार्ता के बाद उरीमारी-हेसाबेड़ा के ग्रामीणों ने आंदोलन को वापस ले लिया। इसके बाद पुन: कार्य शुरू हो गया। कार्य ठप कराने वालों में महादेव बेसरा, सीताराम किस्कू, शिबू मांझी, कृष्णा किस्कू, राम बेसरा, अशोक किस्कू, राजेंद्र किस्कू, महेश मांझी, प्रभु किस्कू, जतरू बेसरा, लखन बेसरा, सुबित राम मांझी, विजय हांसदा आदि ग्रामीण शामिल थे।

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