Lok Sabha Polls 2019: कार्यकर्ताओं की बढ़ी पूछ, नामांकन में भीड़ जुटाने की कवायद
Lok Sabha Polls 2019. संसदीय चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही चुनावी सरगर्मी अचानक तेज हो गई है। नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया गुपचुप तरीके से शुरू है।
पलामू, [अरविंद तिवारी]। संसदीय चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही चुनावी सरगर्मी अचानक तेज हो गई है। नामांकन पत्र खरीदने और तेजतर्रार व दक्ष वकील से उसे भरवाने की प्रक्रिया गुपचुप तरीके से शुरू है। प्रत्याशी आदर्श शिष्य की भांति नामांकन पत्र में मांगे गए ब्यौरे व कागजात वकीलों के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। कहीं कोई गलती न हो जाए।
छोटा-सी गलती भी राजनैतिक कॅरियर पर ग्रहण लगा देगी। इसलिए हरेक बात का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। इधर, नामांकन जमा करने को लेकर विशेष तैयारी शुरू हो गई है। क्षेत्र में कार्यकर्ताओं को सहेजा-खोजा जा रहा है। कार्यकर्ताओं की चिरौरी हो रही है। पांच साल बाद याद आने का उलाहना भी प्रत्याशी और उनके कार्यकर्ताओं को सुनना पड़ रहा है। आदर्श आचार संहिता का डर भी सबको सता रहा है।
प्रत्यक्ष न सही परोक्ष रूप से ही भीड़ जुटाने की कवायद प्रगति पर है। फस्र्ट इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन की तर्ज पर नामांकन में अपनी पूरी ताकत प्रदर्शित कर रहे हैं। भीड़ जुटान का कोई भी मौका हाथ से छूटने नहीं दे रहे हैं। इसकी ताकीद कार्यकर्ताओं को कर दी गई है। गांव-देहात से तथाकथित समर्थकों को लाने के लिए वाहन-भोजने की व्यवस्था प्रत्याशी के खास लोगों या संगठन प्रमुखों के जिम्मे सौंप दिया गया है।
नामांकन के पूर्व जनसभा की प्लानिंग भी चल रही है। राजनीतिक दल के नेता अपने प्रत्याशियों के नामांकन में करीब-करीब शामिल होंगे, यह भी तय माना जा रहा है। कुल मिलाकर नामांकन में अपनी ताकत दिखाने व जनसैलाब उमडऩे की आशा पाले नेताजी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।