जलछाजन परियोजना से किसानों को किया जा सकता है समृद्ध
संवाद सहयोगी मेदिनीनगर (पलामू) जल छाजन परियोजना के कार्यक्रम के तहत तालाब डोभा मेढ़बंद
संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू) : जल छाजन परियोजना के कार्यक्रम के तहत तालाब, डोभा, मेढ़बंदी व अन्य योजनाओं से किसान आत्मनिर्भर व खुशहाल होते हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाकर किसान न सिर्फ अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं बल्कि तालाब व डोभा के पानी का उपयोग खेती के लिए भी कर सकते है। ये बातें जिले के उपायुक्त शशि रंजन ने कही है। वे गुरुवार को स्थानीय जिला समाहरणालय के सभागार में जिले में जलछाजन परियोजना के तहत क्रियान्वित योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। समीक्षा के क्रम में उपायुक्त ने जिले में कई दशकों की सुखाड़ की समस्या को भी दूर करने के लिए जलछाजन कार्यक्रम को महत्वपूर्ण बताया। उप विकास आयुक्त शेखर जमुआर ने कहा कि जिले में वर्षापात का औसत ठीक होने के बाद भी जमीन पर पानी ना रुकने से सुखाड़ की समस्या बनी रहती है। इसके लिए मनरेगा से टीसीबी निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। इससे लोगों को निरंतर रोजगार भी मिल रहा है। इसके अलावा जल छाजन परियोजना से डोभा, तालाब व मेढ़बंदी में भी पालिशिग के कार्य के लिए रोजगार सृजन का कार्य किया जा रहा है। जिला तकनीकी विशेषज्ञ श्री प्रमोद सेठ ने बताया कि जिले में नाबार्ड द्वारा रूरल इंफ्राट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के तहत सदर, चैनपुर, सतबरवा व लेस्लीगंज प्रखंडों के 100 गांवों में चार परियोजनाएं संचालित की जा रही है। कार्यान्वयन एजेंसी के जितेंद्र सिंह ने बताया कि परियोजना के तहत अब तक कुल 319 तालाबों में मछली पालन के लिए लाभुकों को जीरा व मछली का भोजन उपलब्ध कराया गया है।