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आक्सीजन रेगुलेटर की कमी, स्वजन परेशान

लीड-------------- एमआरएमसीएच में भर्ती संक्रमितों के स्वजन बाजार में ढूंढ रहे रेगुलेटर ब

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 May 2021 06:37 PM (IST)Updated: Sun, 02 May 2021 06:37 PM (IST)
आक्सीजन रेगुलेटर की कमी, स्वजन परेशान
आक्सीजन रेगुलेटर की कमी, स्वजन परेशान

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एमआरएमसीएच में भर्ती संक्रमितों के स्वजन बाजार में ढूंढ रहे रेगुलेटर, बाजार में भी उपलब्ध नहीं मुर्तजा,

मेदिनीनगर (पलामू) : शहर समेत जिले भर में आक्सीजन रेगुलेटर के लिए हाहाकार मचा है। बाजार की दुकानों में तो दूर प्रमंडल के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान मेदिनी राय मेडिकल कालेज अस्पताल में भी रेगुलेटर की किल्लत है। ऐसी स्थिति में अस्पताल में भर्ती संक्रमित मरीज व उनके स्वजन रेगुलेटर के लिए परेशान है। भर्ती होने वाले अधिकांश मरीजों के समक्ष निजी दुकान से रेगुलेटर लाने की विवशता है। भर्ती होने वाले मरीजों को कहीं न कहीं से आक्सीजन सिलेंडर मिल जा रहा है। लेकिन रेगुलेटर की किल्लत का रोना स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी रो रहे है। रविवार को जागरण की टीम ने कोविड वार्डों का जायजा लिया। पाया कि संक्रमित कोविड वार्ड में भर्ती हैं। मुख्य द्वार पर संक्रमित व उनके स्वजनों की भीड़ लगी हुई है। आक्सीजन स्टोर कक्ष के बाहर भी कई लोगों की भीड़ लगी है। पूछताछ के दौरान कई लोगों ने बताया कि रेगुलेटर के लिए परेशान हैं। अस्पताल में बताया जा रहा है कि यहां रेगुलेटर नहीं है। बाहर से इंतजाम कर लीजिए। बताया गया कि पिछले तीन दिनों से हरेक मरीज व उनके स्वजनों की जुबां पर महज रेगुलेटर इंतजाम करने की बात है। बाजार में आक्सीजन कंसेंट्रेटर व आक्सीजन रेगुलेटर की कीमतों में आग लगी है। विक्रेता इनकी दो से तीन गुना अधिक कीमत ले रहे हैं। हजार रुपए में मिलने वाला रेगुलेटर तीन से चार हजार रूपए से अधिक में मिल रहे है। कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही आक्सीजन गैस को लेकर जिले में हाहाकार मचा हुआ है। इसे देखते हुए आक्सीजन कंसेंट्रेटर की मांग अचानक बढ़ गई है। कुछ दिन पहले पांच लीटर के आक्सीजन कंसेंट्रेटर की कीमत 35 से 40 हजार रुपए थी जो बढ़कर 65 से 70 हजार तक पहुंच चुकी है। 10 लीटर के आक्सीजन कंसेंट्रेटर की कीमत 70 से 80 हजार रुपए थी जो अब डेढ़ लाख रुपए से अधिक पहुंच चुकी है। यही नहीं यह धीरे-धीरे मार्केट से गायब होने लगा है। इसे देखते हुए लोग आनलाइन बुकिग पर जोर दे रहे हैं। डिलीवरी के लिए आठ से 10 दिन का समय दिया जा रहा है। आक्सीजन गैस की कमी से किसी की जिदगी न जाए इसके लिए संगठन आगे आने लगे हैं। कई लोग निजी स्तर पर मरीजों को आक्सीजन उपलब्ध कराने में जुटे हैँ। शमशान घाट व कब्रिस्तान में हर दिन हो रहा है दर्जनों अंतिम संस्कार मेदिनीनगर : कोरोना संक्रमितों की कमी का आंकड़ा श्मशान घाट में उम्मीद से ज्यादा है । स्वास्थ्य विभग में मृतकों के आंकड़ों में वही शामिल हैं जिनकी मौत मेदिनी राय मेडिकल कालेज अस्पताल में इलाज के दौरान हुई है। एक से 30 अप्रैल के बीच पहाड़ी मोहल्ला स्थित राजा हरिश्चंद्र घाट में 65 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। हरिश्चंद्र घाट पर एक महीने में हुए 50 दाह संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर पिछली 29 मार्च से 29 अप्रैल दोपहर तक 50 शव का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। जिले के अन्य स्थानों पर भी अंतिम संस्कार किया जा रहा है। डर कैसा, इंसान का अंतिम घर तो यही है : रामचंद्र

फोटो : 02 डालपी 15

कैप्शन : रामचंद्र शर्मा।

मेदिनीनगर : शव का अंतिम संस्कार करने वाले और रामा हरिश्चंद्र घाट के संचालक रामचंद्र शर्मा उर्फ कृष्णा ने बताया कि वे प्रतिदिन कई शवों का अंतिम संस्कार कर रहे है। कोरोना संक्रमण से मौत होने के बाद भी बेहिचक उनका अंतिम संस्कार कर रहे हैं। कहा कि आखिर डर कैसा। इंसान के मरने के बाद का अंतिम घर तो यही है। उन्होंने बताया कि नगर निगम की अपेक्षित पहल के बाद श्मशान घाट में अंतिम संस्कार से संबंधित मशीन क्रियाशील कर दी गई है।


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