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6.5 लाख बच्चे खाएंगे अल्वेंडाजोल की गोली,तैयारी शुरू

मेदिनीनगर : शिक्षा, बाल विकास परियोजना और स्वास्थ्य विभागों के आपसी समन्वय से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को सफल बनाएं। बच्चों के मानसिक व शारीरिक विकास के मद्देनजर भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना को सफल बनाने की जिम्मेवारी जिले के हरेक व्यक्ति की है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 11:31 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 11:31 PM (IST)
6.5 लाख बच्चे खाएंगे अल्वेंडाजोल की गोली,तैयारी शुरू
6.5 लाख बच्चे खाएंगे अल्वेंडाजोल की गोली,तैयारी शुरू

मेदिनीनगर : शिक्षा, बाल विकास परियोजना और स्वास्थ्य विभागों के आपसी समन्वय से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को सफल बनाएं। बच्चों के मानसिक व शारीरिक विकास के मद्देनजर भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना को सफल बनाने की जिम्मेवारी जिले के हरेक व्यक्ति की है। इसे लेकर राज्य भर में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जा रहा है। उक्त बातें पलामू के आरसीएचओ डॉ. अनिल कुमार ¨सह ने कही। वे गुरुवार को जेलहाता स्थित सिविल सर्जन कार्यालय में शिक्षा विभाग, बाल विकास परियोजना और स्वास्थ्य विभाग आयोजित संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने योजना की सफलता में सबके सहयोग की अपेक्षा की है। इस बीच मौजूद प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को नसीहत दी गई है कि अविलंब सर्वे कराते हुए माइक्रोप्लान जिला को उपलब्ध कराएं। बताया गया कि जिले के 6.5 लाख बच्चों को अल्बेंडाजोल की गोली खिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। आंगनबाड़ी केंद्र व सरकारी समेत गैर-सरकारी स्कूलों में बच्चों की सूची के अनुरूप टेबलेट उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसमें स्वास्थ्य विभाग के अलावा जिला समाज कल्याण विकास व शिक्षा विभाग एक साथ मिलकर काम कर रहा है। बताया कि आठ फरवरी को एक से दो वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र पर आधा टेबलेट दिया जाएगा। स्कूलों में बच्चों को एक-एक अल्बेंडाजोल की गोली देने का प्रावधान है। डॉ. अनिल ¨सह ने टेबलेट खिलाने के फायदे गिनाए। कहा कि कई बच्चों को पढ़ाई में मन नहीं लगता है। 14 फरवरी को मॉप-अप डे मनाया जाएगा। आठ फरवरी को छूटे बच्चों को इस दिन टेबलेट खिलाया जाएगा। इसी तरह जिले के मदरसों में 14 फरवरी को कृमि मुक्ति दिवस बनाया जाएगा और 16 फरवरी को मापअप डे मनेगा। जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रवीण ¨सह बताया कि अल्बेंडाजोल की गोली खिलाने से बच्चे एनीमिया के शिकार से महफूज रहते हैं। उन्हें मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। साथ ही बच्चे स्वस्थ रहते हैं। मानसिक व शारीरिक विकास के लिए एक से 19 वर्ष तक के बच्चों को गोली खिलाना जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों ने लोगों से आग्रह किया है कि एक भी बच्चे टेबलेट खाने से न छूटे। बैठक में डीडीएम कृष्णा कुमार शर्मा, स्वास्थ्य प्रशिक्षक अतुल कुमार सिन्हा, डॉ धीरेंद्र, डॉ सीमा, डॉ एसके रवि, डॉ राजेश अग्रवाल, डॉ एसकेपी यादव, डॉ राकेश समेत कई प्रखंडों के प्रभारी, बीपीएम, सीडीपीओ आदि उपस्थित थे।

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