नक्सली आंदोलन महज छलावा, ये गिरोहबंद अपराधी
संवाद सहयोगी मेदिनीनगर (पलामू) जिले में अपने करीब चार वर्षों के कार्यालय में कई शीर्ष माअ
संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू) : जिले में अपने करीब चार वर्षों के कार्यालय में कई शीर्ष माओवादी नक्सली दस्ते के सफाए में अहम भूमिका निभाने के बाद अपर पुलिस अधीक्षक अभियान अरुण कुमार सिंह अपने मूल कैडर सीआरपीएफ में वापसी लौट गए हैं। जागरण के साथ एक बातचीत के क्रम में उन्होंने नक्सली आंदोलन को एक छलावा बताया। कहा कि ये महज एक गिरोहबंद अपराधी हैं। इनपर नकेल कसने के बाद नक्सलियों की संपत्तियां जब्त की जा रही है। उन्होंने आम लोगों नक्सलियों के बहकावे में नहीं आने की अपील की है। भविष्य की चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर बताते है कि सीमावर्ती क्षेत्रों तक सामूहिक सहयोग से विकास कार्यों को पहुंचाने में मदद करना होगा। आम लोगों व सुरक्षा बलों की बीच की दूरी को पाटने का काम कई स्तरों पर किया जाता रहा है। लेकिन इसमें अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है। मालूम हो कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में बतौर डिप्टी कमांडेंट पदास्थापित अरुण कुमार सिंह वर्ष 2016 में जिले में अपर पुलिस अधीक्षक अभियान के का पदभार संभाला था। सुरक्षाबलों के नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में इनकी जांबाजी के लिए पुलिस मेडल आफ गैलेंट्री के साथ साथ छह डीजी डिस्क भी मिला है। बता दे कि इनके नेतृत्व में सुरक्षाबलों ने माओवादियों के टाप कमांडर राकेश भूइयां व अजय यादव के दस्ते का सफाया कर किया था। यहीं नहीं, इनके नेतृत्व में जिले के दुरूह क्षेत्रों तक सुरक्षाबल व सरकारी तंत्रों को पहुंचाया जा सका था। इसके अलावा अपनी सरल व सहज स्वभाव के कारण आम लोगों में पहुंच बना कर सूचना तंत्र को मजबूती दी।