चुनौतियों का सामना करने के लायक बच्चों को तैयार करना मकसद
पलामू में नैक की ओर से एक्रिडिएशन को लेकर कार्यशाला का आयोजन
संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर : नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों का सामना करने के लायक तैयार करना मूल उद्देश्य है। इसी अंदाज में रणनीति बनाकर तैयारियां चल रही हैं। उच्च शिक्षा संस्थानों में महज नौकरी करने के मकसद से नहीं आए हैं। उक्त बातें नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सत्येंद्र नारायण सिंह ने कही। वे गुरूवार को स्थानीय योध सिंह नामधारी महिला महाविद्यालय के प्रशाल में नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय व रूसा के संयुक्त तत्वावधान में नैक एक्रिडिएशन पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे 2017 में एनपीयू के कुलपति के रूप में पदभार संभाला। अब तक उन्होंने कॉलेजों के नैक मूल्यांकन कराने की दिशा में कई सेमिनार और बैठक कर चुके हैं। बावजूद नैक मूल्यांकन करने की दिशा में आज तक एक भी कदम कॉलेजों की ओर से नहीं बढ़ाया गया है। इससे पहले कुलपति के अलावा कुलसचिव डॉ. जयंत शेखर, रूसा सेल के प निदेशक डॉ विभा पांडेय, नैक सह रूसा सेल के राज्य प्रतिनिधि डॉ. अभिजीत दत्ता, नैक सह रूसा सेल के एसआर डॉ अली इमाम खान आदि ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर कार्यशाला का आगाज किया। कार्यशाला का संचालन डॉ विमल कुमार सिंह ने किया। कार्यशाला में संबोधन के दौरान कुलपति भावुक दिखे। कहा कि कॉलेज स्तर पर प्राचार्य या शिक्षक विद्यार्थियों की समस्याओं के निदान करने के प्रति रूचि नहीं ले रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। ढाई साल इस विश्वविद्यालय में उनका हो चुका है। बावजूद परंतु किसी भी कॉलेज प्रशासन की ओर से इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर नहीं दिया। नतीजा प्रोजेक्ट को सरकार तक नहीं भेजा जा सका। राज्य में नैक मामले में एनपीयू की स्थिति अच्छी नहीं है। डॉ विभा पांडेय ने कहा कि सीमित संसाधन में बेहतर करने का प्रयास करेंगे। नैक मूल्यांकन की दिशा में जरूर सफलता हासिल करके दिखाएंगे। डॉ अभिजीत दत्ता, नैक सह रूसा सेल के एसआर डॉ अली इमाम खान ने नैक मूल्यांकन के लिए एसएसआर अपलोड करने और इससे संबंधित अन्य बिदुओं पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में एनपीयू के वित पदाधिकारी डॉ नकुल प्रसाद, जीएलए कॉलेज के प्राचार्य आईजे खलखो, जेएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ आरपी सिंह समेत अंगीभूत और स्थायी संबद्धता प्राप्त कॉलेजों के शिक्षक व विभिन्न समितियों के पदाधिकारी मौजूद थे।