पलामू में खनिज संपदा का सदुपयोग हो तो बदल जाएगी तकदीर व तस्वीर
पलामू में खनिज संपदा का सदुपयोग हो तो बदल जाएगी तकदीर व तस्वीर पलामू जिला में खनिज आधारित उद्योग व खनन की है आपार संभावनाएं रजहरा कोलियरी खुल जाए तो 15 हजार लोगों को मिल सकता है प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रोजगार पलामू जिले का एशिया फेम पंडवा प्रखंड का सीसीएल संचालित राजहरा कोलियरी है। यह कोलियरी पिछले 9 वर्षां से बंद पड़ी है। इस कारण कोयला का उत्पादन ठप है। बंद पड़ी रजहरा कोयलियरी व मेराल व लोहड़ी के नए खादान से कोयल उत्पादन शुरू को जाए तो पलामू जिला झारखंड का दूसरा कोयलांचल बन सकता है। प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 15 हजार से ज्यादा बेरोजगारों को रोजगार मिलने लगेगा। वर्तमना में लाक डाउन के बाद पलालय करन लौटे हजारों मजदूरों पर पड़ने वाला बेरोजगारी का भार कम होगा। मालूम हो कि 200
-- 9 वर्षो से बंद पड़ा है कोलियरी से उत्पादन कार्य
-- डीजीएमएस ने सुरक्षा कारणों से सेक्शन 22 लगा बंद कर दिया था माइंस
-- 2016 में डीजीएमएस ने सेक्शन 22 हटा लिया पर कोलियरी से उत्पादन शुरू नहीं हुआ
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तौहीद रब्बानी : पलामू जिले का एशिया फेम पंडवा प्रखंड की सीसीएल संचालित राजहरा कोलियरी है। यह कोलियरी पिछले 9 वर्षां से बंद पड़ी है। इस कारण कोयला का उत्पादन ठप है। बंद पड़ी रजहरा कोयलियरी व मेराल व लोहड़ी के नए खादान से कोयल उत्पादन शुरू को जाए तो पलामू जिला झारखंड का दूसरा कोयलांचल बन सकता है। प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 15 हजार से ज्यादा बेरोजगारों को रोजगार मिलने लगेगा। वर्तमान में लॉकडाउन के बाद पलायन कर लौटे हजारों मजदूरों पर बेरोजगारी का भार कम होगा।
मालूम हो कि 2008 में सदबह नदी किनारे स्थित कोयलियरी क्षेत्र में खनन के दौरान राजहरा कोलियरी में पानी भर गया था। डीजीएमएस ने सुरक्षा कारणों से सेक्शन 22 लगा कर इसे बंद कर दिया था। 2016 में डीजीएमएस ने सेक्शन 22 हटा लिया पर कोलियरी से उत्पादन शुरू नहीं हुआ।
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राजहरा कोलियरी से उत्खनन चालू नहीं हुआ है। सिर्फ दो मोटर लगाकर पानी निकाला जा रहा है। अविलंब उत्खनन शुरू होना चाहिए। यह कोलियरी 9-10 वर्षों से बंद पड़ी है। यह पलामू की लाईफ लाईन है। यहां हजारों मजदूरों को रोजगार मिलेगा।
प्रमोद सोनी,
अध्यक्ष, हिद मजदूर किसान पंचायत, पलामू।