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सवाल तो सत्ता में बैठे लोगों से ही पूछे जाएंगे, विपक्ष से क्या पूछना जो खुद ही पस्त हैं- नेहा सिंह राठौर

यूपी में का बा फेम चर्चित लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने कहा है कि वह भाजपा विरोधी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और यूपी समेत कई राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं इसलिए उनसे सवाल करती हूं तो मुझे विरोधी मान लिया जाता है।

By Mohit TripathiEdited By: Mohit TripathiSun, 19 Mar 2023 04:33 PM (IST)
सवाल तो सत्ता में बैठे लोगों से ही पूछे जाएंगे, विपक्ष से क्या पूछना जो खुद ही पस्त हैं- नेहा सिंह राठौर
सत्ता में बैठे लोगों से सवाल करने के कारण मुझे भाजपा विरोधी दलों का कहा जाता है एजेंट।

जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर: 'यूपी में का बा' फेम चर्चित लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने कहा है कि वह भाजपा विरोधी नहीं हैं। केंद्र और यूपी समेत कई राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, इसलिए उनसे सवाल करती हूं तो मुझे विरोधी मान लिया जाता है।

उन्होंने कहा है कि सवाल तो सत्ता में बैठे लोगों से ही पूछे जाएंगे। विपक्ष से क्या पूछना, जो खुद पस्त हैं। लोग मुझे स्थायी विपक्ष के रूप में देख सकते हैं।

सभी सरकारों को मेरा सवाल ठीक नहीं लगता

राठौर ने रविवार को मेदिनीनगर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि कवि, लेखक और कलाकार को विपक्ष की भूमिका में होनी चाहिए। इस भूमिका को निभा रही हूं। सत्ता में बैठे लोगों से सवाल करने के कारण ही मुझे भाजपा विरोधी दलों का एजेंट कहा जाता है। विपक्ष के फार्मेट में मान लिया जाता है।

ऐसा नहीं है कि मैंने बिहार की नीतीश, पश्चिम बंगाल की ममता और दिल्ली की केजरीवाल सरकार से गीतों के माध्यम से सवाल नहीं किया है। इन सरकारों को भी मेरा सवाल ठीक नहीं लगता। राठौर मेदिनीनगर में इप्टा की राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने पहुंची थीं।

बिहार में नहीं रोजगार

राजनीति में आने के सवाल पर नेहा ने कहा कि अगले दस साल तक तो नहीं। एक लोक कलाकार के रूप में जनता मेरी ओर बड़ी उम्मीद से देख रही है। बेरोजगारी, महंगाई और महिला सुरक्षा से जुड़े सवाल को अपने गीतों के माध्यम से उठाती रहूंगी।

मैं दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहती हूं। वहां प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले युवा मिलते हैं तो नौकरी को लेकर अपनी व्यथा जाहिर करते हैं। दिल्ली में कुक से लेकर सुरक्षा गार्ड की नौकरी करने वाले और रिक्शा चलाने वालों में बिहारियों की भरमार हैं। पूछने पर बताते हैं कि क्या करूं? बिहार में कोई रोजगार नहीं है।

मंच देने के लिए इप्टा को शुक्रिया

नेहा सिंह ने कहा कि जब से 'यूपी में का बा' गीत के माध्यम से सवाल उठाया है, मुझे परेशान किया जा रहा है। लोग कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हैं। कार्यक्रम से पहले मना कर देते हैं कि अतिथि नाराज होंगे। इससे बेइज्जती महसूस होती है।

मेदिनीनगर में इप्टा ने मुझे बुलाया है, बहुत अच्छा लग रहा है। नेहा दूसरी बार मेदनीनगर आई हैं। इससे पहले 'खाकी द बिहार चेप्टर' वेब सीरिज की शूटिंग में भाग लेने पहुंची थीं। इसमें नेहा ने गाना गया था 'हथिया हथिया शोर कइलअ समधी, गदहों ना ले अइलअ हो....'।

दोहरी मानसिकता में जी रहा भोजपुरी समाज

भोजपुरी गीतों में अश्लीलता और भोजपुरी समाज की मानसिकता पर नेहा ने खुल कर बात की। उन्होंने कहा कि भोजपुरी गीत के लेखकों और गायकों ने तमाम सीमाएं लांघ दी हैं। गीतों में ऐसे-ऐसे अश्लील शब्द और अंगों के नाम का प्रयोग कर रहे हैं, जिन्हें सार्वजनिक रूप से सुना नहीं जा सकता है।

जातियों को टारगेट करके गीत लिखे जा रहे हैं और गाये जा रहे हैं। इससे सामाजिक ताने-बाने बिखर रहे हैं। फिर भी इन गीतों को लोग सुन रहे हैं। ऐसे ही गीत हिट हो रहे हैं। यह भोजपुरी मानसिकता के दोहरेपन को उजागर करता है। ऐसे गीतों के लेखक और गाने वालों के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।