कर्नाटक के तुरंगल जिला में फंसे हुसैनाबाद के दर्जनों मजदूर
सभी मजदूरों ने कहा कि घर की सुखी रोटी ही हमलोगों के लिये काफी है। कितु सरकार घर वापसी करा दे।सभी मजदूरों ने कहा कि घर की सुखी रोटी ही हमलोगों के लिये काफी है। कितु सरकार घर वापसी करा दे।
संवाद सूत्र, हुसैनाबाद : हुसैनाबाद के महुडंड पंचायत के दर्जनों मजदूर कर्नाटक तुरंगल जिला में जिदल कंपनी में नवम्बर माह से कार्य कर रहे हैं। इस मजदूरों के पास न तो खाने का पैसा है न ही इन्हें घर वापसी का कोई विकल्प मिल रहा है। कई मजदूरों ने अपनी व्यथा सुनाते हुये कहा कि झारखंड सरकार अगर हमलोगों पर दया कर झारखंड बुला लेती है तो हमलोग भुखो मरने से बच जायेंगे। मजदूरों ने अपनी व्यथा में कहा कि पेट भरने के लिये घर से हजारों किलो मिटर दूर पहुंचकर यहां मजदूरी करने पहुंचे थे। कितु कोरोना वायरस को लेकर पूरे देष में लॉकडाउन है। जिससे हम लोग अपने-अपने घर वापस नहीं हो सकते हैं। मजदूरों ने कहा कि देश में फंसे कई मजदूरों को सरकार ने वापस बुलाने का कार्य कर रही है। मजदूरों ने यह भी कहा कि हम सभी मजदूर कम पढ़े लिखे होने के कारण यहां का भाषा समझने की भी समस्या है। जिस कारण सरकार तक अपनी सूचना को ऑनलाईन नहीं कर पा रहे हैं। फंसे मजदूर में मुख्य रुप से संतोष पासवान, कंचन पासवान, अजय पासवान, अर्जुन परहिया, दशरथ परहिया, दीपक परहिया, छोटू परहिया, लल्लू परहिया, बबलू परहिया, सकेंद्र परहिया, धमेंद्र परहिया, मुकेश परहिया सहित कई मजदूर अपने घर वापसी का गुहार झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व पलामू डीसी से गुहार लगा रहे हैं। सुखी रोटी ही हमलोगों के लिये काफी है।