जो मेरे देश का है गद्दार वह हिदुस्तान छोड़ दे..
मेदिनीनगर जो मेरे देश का है गद्दार नहीं है जिनको इससे प्यार वो हिदुस्तान छोड़ दे.. काव्य से कवि एवं शायर हाशिम फिरोजाबादी ने जैसे ही कवि सम्मेलन का आगाज किया लोगों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया ।
संवाद सूत्र, मेदिनीनगर : जो मेरे देश का है गद्दार, नहीं है जिनको इससे प्यार, वो हिदुस्तान छोड़ दे.. इस काव्य से शायर हाशिम फिरोजाबादी ने कवि सम्मेलन का आगाज किया तो लोगों ने तालियां बजाकर जोरदार स्वागत किया । उन्होंने आगे कहा कि यहां हर बेटी सीता है, यहां हर बेटी राधा है, यहां हर बेटी मरियम है, यहां हर बेटी सलमा है , यहां जो लुटे इनकी लाज, मौलाना हो या महाराज, वो हिदुस्तान छोड़ दे..। देश के हालात पर उन्होंने अपने शायराना अंदाज में कहा - तरक्की पर है भ्रष्टाचार, लुटेरे हो गई है सरकार, कि जनता चीख रही है..। उन्होंने बेटी पढ़ाओ- बेटी बचाओ पर एक से बढ़कर एक आशार पेश किए। कवि सम्मेलन में कवियित्री सरिता सरोज ने पहला प्यार को परिभाषित किया। कहा - घर वाले सोच रहे हैं कि बिटिया है बीमार, यही है पहला प्यार..। युवा कवि अभिनव मिश्रा ने झारखंड की सभ्यता व संस्कृति पर प्रकाश डाला। कहा- बिरसा मुंडा के धरती के वासी हैं हम, हक से कहते हैं आदिवासी हैं हम। उन्होंने झारखंड के नदी, बेतला नेशनल पार्क, बाबा नगरी देवघर व दीपिका कुमारी पर भी कविताएं प्रस्तुत की। कवि अपूर्व विक्रम शाह ने अपने पड़ोसी देश पर जमकर प्रहार किया। पाकिस्तान के जेल में कैद कुलभूषण जाधव पर कई कविता प्रस्तुत किए। इससे पूर्व विद्यालय के बच्चों ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत कर देश भावना से ओतप्रोत कर कर दिया । इसके पूर्व संस्कारशाला सह कवि सम्मेलन में नीलंबर पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति सत्येंद्र नारायण सिंह, मेदनीनगर की मेयर अरुणा शंकर, जिला पार्षद लवली गुप्ता, शिक्षाविद एसएससी मिश्रा, संत मरियम विद्यालय के निदेशक अविनाश देव, प्राईवेट स्कूल्स एसो के अध्यक्ष अविनाश वर्मा समेत कई गणमान्यों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की । शिक्षाविद प्रो. एससी मिश्रा ने कहा कि संस्कार व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। विद्यालय के निदेशक सह माटी कला बोर्ड के सदस्य अविनाश देव ने कहा कि संत मरियम स्कूल में 2 साल से प्रत्येक महीने संस्कारशाला का आयोजन किया। इसके दो वर्ष पूरा होने पर हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है । कहा कि साहित्य व संस्कार के बिना शिक्षा अधूरी है। लोग उच्चाधिकारी बन जाए लेकिन उसमें अगर संस्कार नहीं हो तो वह कुछ भी नहीं है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संत मरियम स्कूल के छात्र-छात्राएं, शिक्षक व अभिभावक मौजूद थे।