पलामू के किसान करें इजराइल विधि से खेती
मेदिनीनगर : पलामू जिला के किसान भी इजरायल की विधि से खेती करें तो उत्पादन व मुनाफा भी ज्यादा होगा।
मेदिनीनगर : पलामू जिला के किसान भी इजरायल की विधि से खेती करें तो उत्पादन व मुनाफा भी ज्यादा होगा।
उक्त बातें इजरायल से खेती के गुर सीख कर पलामू लौटे किसान रंजीत कुमार ¨सह ने कहीं। रंजीत हैदरनगर प्रखंड के बिलासपुर गांव निवासी हैं। वे शुक्रवार को जिला कृषि कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे। पत्रकार वार्ता में जिला कृषि पदाधिकारी जुबेर अली भी उपस्थित थे। संयुक्त वार्ता में रंजीत ¨सह ने कहा कि इजराइल में मात्र 400 मिलीमीटर बारिश होती है। जबकि पलामू में 800 से 900 मिलीमीटर बारिश होती है। लेकिन पलामू की अपेक्षा वहां का उत्पादन अधिक है। कहा कि इजराइल में ड्रिप सिस्टम से खेती की जाती है। इससे पानी की कम खपत होती है व उत्पादन भी अधिक होता है। कहा कि इजराइल में गेहूं की खेती होती है। इजराइल में सब्जी उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है। वहां फल व सब्जियों की खेती सालों भर होती है। ड्रीप सिस्टम से इन उत्पादनों की खेती होने से सालों भर पानी मिलता रहता है। कहा कि टमाटर बैंगन की खेती को पलामू के किसानों को मॉडल के रूप में विकसित करेंगे। कहा कि इजराइल में टमाटर के एक पौधे में 60 से 70 किलो टमाटर का उत्पादन होता है। जबकि पलामू में 5 से 7 किलो टमाटर का ही उत्पादन होता है। मौके पर आत्मा के उपनिदेशक प्रवीण राज, बीटीएम संजय कुमार, आत्मा कर्मी सुरेंद्र कुमार उपस्थित थे। इसके पूर्व पत्रकार वार्ता के पूर्व किसान कुमार ¨सह को बुके देकर जिला कृषि पदाधिकारी ने स्वागत किया।