अदम्य साहस के परिचायक थे नेताजी : सुधाकर
नावाटोली स्थित लिलिपुट प्ले स्कूल में आज दिन गुरुवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई गई । कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल की प्राचार्या रेणु गोयल और शिक्षिकाओं ने नेताजी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर किया । शिक्षिका रचना जैन ने नेताजी के जीवन के बारे मे विस्तार से बताया कि कैसे उन्होंने देश को आजाद करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस कार्यक्रम मे सभी बच्चों से नेताजी से संबंधित सवाल पूछे गए जिसका उन्होंने बखूबी जवाब दिया। इतनी छोटी उम्र मे बच्चों का स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रति जानकारी प्राप्त करने का उत्साह देखते ही बनता था। इस मौके पर स्कूल के सभी शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद थे ।
संवाद सूत्र, मेदिनीनगर : सुभाष चंद्र बोस अपने शौर्य व साहस के बल पर अंग्रेजों से लोहा लिया था। आजाद हिद फौज नामक संगठन का निर्माण कर अंग्रेजो के विरूद्ध लड़ाई लड़ी। उनके आदर्शों को अपनाकर देश का बेहतर नागरिक बन सकते हैं। उक्त बातें बाईपास रोड के डीआईजी आवास स्थित विजडम वर्ल्ड ग्लोबल स्कूल के निदेशक सुधाकर उर्फ भानू ने कही। वे गुरूवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर स्कूल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर नेताजी की तस्वीर पर बच्चों समेत सुधाकर पांडेय ने माल्यार्पण किया। कहा कि नेताजी ने भारत वासियों से आह्वान किया था कि तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। नेताजी संपन्न घराने से होते हुए भी देश प्रेम की खातिर एक उच्च पद की नौकरी को छोड़ कर देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। ऐसे महापुरुषों की जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है। मौके पर विद्यालय के प्राचार्य प्रभाकर कुमार, शिक्षक एसके सोनी, विराट कुमार, सुमित सिंह, नेहा गुप्ता, गरिमा सिंह व ज्योति सिंह आदि शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद थे।