नहीं खुला क्रय केंद्र, एमएसपी तो दूर आधी कीमत पर धान बेच रहे किसान
संवाद सूत्र लेस्लीगंज (पलामू) इस बार धान की फसल भले ही अच्छी हुई हो पर किसानों की आमदनी
संवाद सूत्र, लेस्लीगंज (पलामू): इस बार धान की फसल भले ही अच्छी हुई हो पर किसानों की आमदनी अच्छी नहीं हो रही है। कारण है सरकार ने धान की खरीद शुरू नहीं की है। नतीजतन किसान अपने धान स्थानीय साहूकारों से बेच रहे हैं। इसका मूल्य उन्हें सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य से आधा मिल रहा है। किसानों का कहना है कि सरकार यह कह कर धान क्रय केंद्र नहीं खोला जा रही है कि किसानों का धान अभी गिला है। इधर कई किसानों का कहना है कि धान गिला है तो फिर साहूकार कैसे ले रहे हैं। सरकार साहूकारों के जेब भरने के लिए धान क्रय केंद्र नहीं खोले जाने का फैसला लिया है। अपना दर्द बयां करते हुए लेस्लीगंज के किसान रामजीत पासवान ने बताया की उसने 30 क्विंटल धान पैदा किया है। खाने भर रखकर 20 क्विंटल धान 1100 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर बेचने को विवश हैं। उन्होंने कहा कि कर्ज चुकाने के लिए व रबी फसल की बुआई के लिए धान बेचना भी जरूरी है। सरकार के गलत फैसले के कारण अब तक धान क्रय केंद्र नहीं खुला। इससे किसानों के हक पर साहूकार डाका डाल रहे हैं।
धान क्रय पर किसानों की प्रतिक्रिया बाक्स: 09 डालपी 04
कैप्श्न: नारद मांझी,
लेस्लीगंज: 1100 रुपए प्रति क्विटल के भाव से 40 क्विटल धान बेचा है। धान खेती के लिए 5 ब्याज पर 30 हजार रुपए कर्ज लिया था। धान बेचकर कुछ पैसा कर्ज चुकाया और कुछ पैसे से गेहूं व चना की बुआई की। अभी भी कर्ज बाकी है। धान क्रय केंद्र नहीं खुलवा कर सरकार किसानों के साथ बड़ा अन्याय कर रही है।
किसान नारद मांझी, अखौरी दीदरी, लेस्लीगंज। बाक्स: 09 डालपी 11
कैप्श्न: जयप्रकाश
सरकार की ओर से धान क्रय केंद्र समय पर नहीं खुलने के कारण उनकी उपज बर्बाद हो रही है । करीब 70 क्विटल धान उन्हें बेचना है। क्रय केंद्र नहीं खुलने के कारण वे धान बेच नहीं पा रहे हैं। घर में ध्यान रखने की भी जगह नहीं है। साथ ही चूहे आदि इसे बर्बाद कर रहे हैं। समझ में नहीं आता कि सरकार किसानों के प्रति इतनी उदासीन क्यों है। किसान हित की बातें तो खूब हो रही है पर वर्तमान सरकार इनकी उपेक्षा करती है। धान क्रय केंद्र नहीं खुलना इसका ताजा उदाहरण है।
जय प्रकाश पांडेय,
किसान,काराकाट गांव, चैनपुर, पलामू।
बाक्स: 09 डालपी 13 कैप्श्न: राजदेव चौधरी,
समय पर धान क्रय केंद्र नहीं खुल पाया है । मजबूरी में अपना धान 12 रुपए प्रति किलो बेच दिए।सोचा था इस साल सही दाम पर धान बेचूंगा। धान क्रय केंद्र खुलता तो उपज के उचित मूल्य पर धान बेचता । जरूरी काम था इसलिए धान बेच दिया।
राजदेव चौधरी,किसान,
चोटहांसा गांव, चैनपुर, पलामू।