संवेदक व नगर परिषद उपाध्यक्ष आमने-सामने
विश्रामपुर : विश्रामपुर नगर परिषद में आरोप- प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नगर उपाध्यक्ष अनील कुमार पांडेय के नेतृत्व में वार्ड पार्षदों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री व नगर सचिव को एक आवेदन देकर नगर परिषद में व्याप्त अराजकता की जांच कराने की मांग की है।
विश्रामपुर : विश्रामपुर नगर परिषद में आरोप- प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नगर परिषद उपाध्यक्ष अनिल कुमार पांडेय के नेतृत्व में वार्ड पार्षदों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री व नगर सचिव से मिलकर एक आवेदन दिया। नगर परिषद में व्याप्त अराजकता की जांच कराने की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल ने शिकायत में ठेकेदार गोपाल राम को डिबार घोषित होने के बाद भी नगर परिषद कार्यालय की मिलीभगत से करोड़ों का काम कराने का मामला को उजागर किया। कार्यालय में कार्यरत सहायक संविदा कर्मीं अनिल कुमार व दैनिक वेतन भोगी रमेश कुमार का मामला उठाया। नगर परिषद में कार्यपद्धति पर भी प्रश्न उठया। कहा कि अनिल कुमार की लापरवाही यह मिलीभगत से एक संवेदक के कार्य का पैसा दैनिक वेतन नवीन पांडेय के खाते में डालकर राशि चेक के माध्यम से वापस ले ली गई। साथ ही साजिश के तहत दैनिक वेतन भोगी कर्मीं को हटाते हुए राशि वापस कराने को ले प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इतना हीं नहीं नवीन पांडेय की ओर से मामले व नगर परिषद में अनियमितता को ले झारखंड उच्च न्यायालय में पीआइएल भी दर्ज की है। इधर विश्रामपुर में पार्षदों की शिकायत के बाद अब संवेदक गोपाल राम ने भी पलामू के डीसी व एसडीओ को एक आवेदन देकर नगर उपाध्यक्ष अनिल कुमार पांडेय पर रिश्वत मांगने की शिकायत की है। संवेदक ने कहा है कि उन्हें डिबार मुक्त कर दिया गया है। बावजूद उसे हथियार बनाकर उनके विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है। संवेदक का आरोप है कि उपाध्यक्ष पांडेय नगर परिषद के रजिस्ट्रेशन को निरस्त करने की भी धमकी दी है। गोपाल ने लिखा है कि वह मां कौशल्या कंस्ट्रक्शन के नाम से है। इसमें फार्म में वे एक सदस्य है। ऐसे में डिबार की सूची में नाम कैसे आ सकता है। बताया कि वह स्वयं अपने नाम का विश्रामपुर नगर परिषद में रजिस्ट्रेशन कराया है। इस नाम पर वे काम करते हैं। साथ ही चार कार्य भी आवंटित की किया गया है। ऐसे में नियम संगत उपाध्यक्ष पर कार्रवाई की जाए। इधर उपाध्यक्ष अनिल पांडेय ने संवेदक गोपाल के रिश्वत मांगने व धमकी के आरोप को निराधार बताया है। कहा कि डिबार होने के बाद कार्य आवंटित होने व कार्रवाई की शिकायत मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी से की गई है। इसके बाद गोपाल राम अपने बचाव में उन पर झूठा आरोप लगा रहे। कहा कि मामले की जांच कराई जा सकती है। वे इसके लिए तैयार हैं।