राज्य सरकार के रवैये को लेकर उपवास पर रहे भाजपा नेता
पलामू वैश्विक महामारी करोना को लेकर राज्य सरकार के ढुलमुल नीति व केंद्र सरकार पर लगाए जा रहे गलत आरोपों के विरोध में पलामू सांसद विष्णुदयाल राम सहित सभी विधायक व भाजपा नेता बुधवार को उपवास पर रहें।
संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर : वैश्विक महामारी करोना को लेकर राज्य सरकार के ढुलमुल नीति व केंद्र सरकार पर लगाए जा रहे गलत आरोपों के विरोध में पलामू सांसद विष्णुदयाल राम सहित सभी विधायक व भाजपा नेता बुधवार को उपवास पर रहें। पलामू सांसद विष्णुदयाल राम नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर उपवास पर रहे। डालटनगंज के विधायक आलोक चौरसिया, पांकी विधायक कुशवाहा डॉ. शशिभूषण मेहता, भाजपा झारखंड के प्रदेश मंत्री मनोज सिंह, भाजपा के पलामू जिलाध्यक्ष नरेंद्र पांडेय सहित अन्य भाजपा नेताओं ने अपने-अपने आवास पर उपवास किया। पलामू सांसद विष्णुदयाल ने बताया कि लाक डाउन की स्थिति में पलामू संसदीय क्षेत्र सहित पूरे राज्य के मजदूर, कामगार व छात्रों के रहने व भोजन की व्यवस्था नहीं की जा रही है। राज्य सरकार इन्हें वापस लाने के लिए भी केंद्र से कोई सलाह नहीं कर रही है। उन्होंने अपने स्तर से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री से सभी को राहत पहुंचाने का आग्रह किया था। यह कोशिश अब रंग लाते दिख रही है। राज्य सरकार ढुलमुल रवैया अपनाए हुए है। भाजपा के प्रदेश मंत्रीकहा कि करोना महामारी वायरस से झारखंड ही नहीं पूरे देश की जनता आहत है। लोगों के जीवन रक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कारगर पहल कर रहे हैं। इसमें देश की जनता का भरपूर सहयोग व समर्थन भी मिल रहा है। केंद्र की मोदी सरकार ने देश के सभी राज्यों को इस महामारी से निपटने के लिए हर संभव संसाधन मुहैया करा रही है। राज्य के गरीब मजदूर, कामगार व मेधावी छात्र लॉकडाउन के कारण दूसरे अन्य राज्यों में फंस चुके हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य योगी नाथ ने अपने प्रयास से राज्य की जनताए मजदूर व छात्रों को हर संभव मदद कराया। झारखंड में कांग्रेस की मदद से झामुमो की सरकार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस महामारी वायरस से राज्य की जनता को निजात दिलाने के बजाय केंद्र सरकार पर बेबुनियाद आरोप मढ़ रही है। भाजपा के पलामू जिलाध्यक्ष नरेंद्र पांडेय ने कहा कि कोरोना संकट के इस दौर में केंद्र सरकार गरीबों की मदद करने में जुटी हुई है। इसके ठीक विपरीत झारखंड में हेमंत सरकार के नकारात्मक कार्यशैली को लेकर जहां 9 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर व छात्र विभिन्न राज्यों में बेहाल व कठिनाई में हैं। राज्य सरकार की अकर्मण्यता व तुष्टीकरण राजनीति से परेशान है।