बकरीद का त्योहार आज , तैयारी पूरी
पलामू जिला में ईद-उल-अजहा यानी बकरीद सोमवार 12 अगस्त को मनाई जाएगी। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर समेत ग्रामीण इलाकों की ईदगाह व मस्जिदों में बकरीद की नमाज अदायगी को विशेष व्यवस्था की गई है।
जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर : पलामू जिला में ईद-उल-अजहा यानी बकरीद सोमवार 12 अगस्त को मनाई जाएगी। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर समेत ग्रामीण इलाकों की ईदगाह व मस्जिदों में बकरीद की नमाज अदायगी को विशेष व्यवस्था की गई है। शहर की जामा मस्जिद,चौक बाजार मस्जिद,नूरी मस्जिद,मदीना मस्जिद, मिल्लत मस्जिद, मस्जिदे हेरा, अहले हदीस मस्जिद, मोहम्मदी मस्जिद समेत हुसैनाबाद, हैदरनगर, हरिहरगंज, पांकी, चैनपुर, शाहपुर, सतबरवा, विश्रामपुर, पाटन, छतरपुर, पांडू आदि प्रखंडों के ईदगाह व मस्जिदों में पानी व सफाई की खास व्यवस्था की गई है। नामाजियों की अत्याधिक संख्या को देखते हुए वजू के पानी का अच्छा इंतेजाम किया गया है। जिले के सभी ईदगाहों व मस्जिद में मुकर्रर वक्त पर ईद-उल-अजह की दो रिकअत वाजिब नमाज बाजमाअत अदा की जाएगी। इसके बाद संबंधित इमामों का खुतबा होगा। इसके बाद लोग एक-दूसरे से गले मिलकर आपसी गिले-शिकवे दूर करेंगे। ईद-उल-अजह की मुबारकबादी देंगे। इसके बाद बकरे आदि की कुर्बानी करेंगे। इधर, शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के बाजार में रविवार को टोपी,इत्र व सुर्मा की जमकर बिक्री हुई। बकरीद को लेकर लोगों में विशेष उत्साह है। स्थानीय छोटी मस्जिद क्षेत्र में टोपी, इत्र व सुर्मा आदि की कई दुकानों पर ग्राहकों की अच्छी-खासी भीड़ दिखी। इधर जिला व पुलिस प्रशासन ने बकरीद को ले मस्जिदों के मार्ग पर यातायात की विशेष व्यवस्था की है। बाक्स: बकरीद व अंतिम सोमवारी को ले प्रशासन सर्तक सदर अनुमंडल के 134 स्थानों पर तैनात किए जाएंगे दंडाधिकारी, संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर: आगामी 12 अगस्त को मनाए जाने वाले बकरीद पर्व को लेकर सदर अनुमंडल के 134 स्थानों में सुरक्षाबलों के साथ दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त कर दिए गए हैं। इसी दिन सावन माह की अंतिम सोमवारी को लेकर प्रशासनिक स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। सदर एसडीओ नंद किशोर गुप्ता ने बताया कि पूर्व के इतिहास को देखते हुए संवेदनशील स्थानों में सतत निगरानी की जा रही है। बकरीद व अंतिम सोमवारी को लेकर प्रशासनिक स्तर से गाइडलाइन पर अमल किया जा रहा है। इसके अनुसार प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी नहीं दी जा सकेगी। बकरीद के दिन कुर्बानी के बाद किसी भी सार्वजनिक स्थल पर अवशेषों की सफाई नहीं की जाएगी। इसे जमीन के अंदर गड्ढा खोदकर दबा दिया जाएगा।