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- घर घर जाकर दी जा रही कृमि रोधी दवा

जासं पाकुड़ बच्चों को कृमि से मुक्त कर खून की कमी में सुधार और पोषण स्तर को बेहतर ब

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 07:29 PM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 05:08 AM (IST)
- घर घर जाकर दी जा रही कृमि रोधी दवा
- घर घर जाकर दी जा रही कृमि रोधी दवा

जासं, पाकुड़ : बच्चों को कृमि से मुक्त कर खून की कमी में सुधार और पोषण स्तर को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति पखवाड़ा मनाया जा रहा है। बुधवार को घर घर जाकर बच्चों को कृमि की गोली खिलाइ गई। यह कार्यक्रम 30 सितंबर तक चलेगा। जिले के सभी प्रखंडों पाकुड़, हिरणपुर, लिट्टीपाड़ा, अमड़ापाड़ा, पाकुड़िया एवं महेशपुर में सहियाओं द्वारा घर-घर जाकर एक से 19 साल तक के किशोर किशोरियों को कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजोल खिलाई जा रही है। कोरोना के मद्देनजर काफी सतर्कता के साथ इस बार दवा खिलाई जा रही है।

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पूर्व में विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में ही बच्चों को दवा खिलाया जाता था, लेकिन कोविड 19 में शैक्षणिक संस्थान बंद होने के कारण इस बार समुदाय स्तर पर (घर-घर जाकर) बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जा रही है।

सिविल सर्जन डा. पासवान ने बताया कि बच्चों को पेट के कीड़े की दवा जरूर खानी चाहिए। अधिकतर बच्चों में पेट से संबंधित अधिक बीमारियों का खतरा होता है। जिस वजह से बच्चों में खून की कमी, कुपोषण, मितली, उल्टी व दस्त होना तथा वजन में कमी होना जैसे दुष्प्रभाव होते है। ज्यादातर बच्चे बाहर खेलते समय कब किस चीज को हाथ लगाते हैं। उनको पता ही नहीं होता है। उन्हीं गंदे हाथों से घर की सारी चीजों को छूना, बिना हाथ पैर धोकर कुछ भी खा लेना, बिना ढका हुआ पानी पीना इन्हीं सब लापरवाही की वजह से बच्चों के पेट में बीमारियों होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए 1 साल से 19 साल तक के बच्चों को साल में दो बार एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाती है। इससे बच्चों में होने पर इन सब समस्याओं से बचाया जा सके।


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