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शराब बेचना छोड़ दूसरे कारोबार से जुड़ रही महिलाएं

जागरण संवाददाता पाकुड़ अब पहाड़िया आदिवासी व दूसरी गरीब महिलाएं किसी मजबूरी में हि

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 06:26 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 06:26 PM (IST)
शराब बेचना छोड़ दूसरे कारोबार से जुड़ रही महिलाएं
शराब बेचना छोड़ दूसरे कारोबार से जुड़ रही महिलाएं

जागरण संवाददाता, पाकुड़: अब पहाड़िया, आदिवासी व दूसरी गरीब महिलाएं किसी मजबूरी में हड़िया शराब बनाने व बेचने का काम नहीं करेंगी। इस काम से जुड़ी महिलाओं को फुलो झानो आशीर्वाद अभियान के तहत सम्मानजनक स्वरोजगार मुहैया कराया जा रहा है। झारखंड सरकार ने इसकी जिम्मेदारी झारखंड आजीविका मिशन को सौंपी है। इसके तहत शराब बचने वाली 332 महिलाओं को चिह्नित किया गया है, जिन्हें आजीविका मुहैया कराने के लिए 10 हजार रुपया का सहयोग राशि दी जाएगी। यह राशि एक साल के लिए ब्याज मुक्त होगी। इन महिलाओं को कुटीर उद्योग, मुर्गी पालन, बकरी पालन आदि स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। इस परियोजना से जुड़कर कई महिलाओं ने अपना दूसरा कारोबार शुरू कर दिया है।

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सम्मानजनक रोजगार देने की योजना

झारखंड आजीविका मिशन की ओर से जिले में फुलो झानो आशीर्वाद अभियान का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत जिले में हड़िया दारू बनाने व बेचने वाली महिलाओं को आजीविका के वैकल्पिक साधन मुहैया कराएं जा रहे हैं। ताकि ये महिलाएं समाज में सम्मानजनक तरीके से जीवन यापन कर सके। ये महिलाएं अब शराब बनाने और इसे बेचने का काम छोड़कर मुर्गीपालन, बकरीपालन व वनोत्पाद से जुड़ रही है। इस अभियान के तहत जिले में चिह्नित महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उसे आजीविका प्रोत्साहन राशि दिए जा रहे हैं। दस हजार की प्रोत्साहन राशि के अलावे महिलाएं अतिरिक्त राशि भी सामान्य शर्त पर ले सकती है। अभियान की सफलता के लिए इसे सखी मंडल से जोड़ा गया है। चिह्नित महिलाओं में से कुछ दीदी को सामुदायिक कैडर बनाया जाएगा, जो दूसरों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनेगी। सौ से अधिक महिलाएं अभियान से जुड़कर अपना नया कारोबार शुरू कर चुकी है।

स्टडी एक

पाकुड़िया प्रखंड की बीटी सोरेन पहले हड़िया बनाने व बेचने का काम करती थी। आशीर्वाद अभियान के तहत समूह से जुड़कर क्षमतावर्धक प्रशिक्षण प्राप्त किया। योजना के तहत उसे दस हजार रुपये का आर्थिक सहयोग मिला। इसके बाद दारू बेचने का काम बंद कर नाश्ता की दुकान खोल ली। परिवार के दूसरे सदस्य भी इस कारोबार में हाथ बंटाते हैं।

स्टडी दो

लिट्टीपाड़ा प्रखंड की रीना मरांडी हड़िया शराब बेचने का काम करती थी। रीना यह काम करना नहीं चाहती थी परंतु परिवार चलाने के लिए यह जरूरी था। अब आर्शीवाद अभियान के तहत उसे दस हजार रुपया का सहयोग मिला है। पांच हजार रुपया अतिरिक्त ऋण लिया है। उसने गांव में ही किराने की दुकान खोल ली है।

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जिले में हड़िया शराब बेचने वाली ग्रामीण महिलाओं को सम्मानजनक रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार ने फुलोझानो आर्शीवाद अभियान की शुरूआत की है। योजना के तहत तीन हजार से अधिक महिलाएं इससे लाभान्वित होंगी।

कुलदीप चौधरी, उपायुक्त, पाकुड़


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