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गरीबों की मदद के लिए है सदका की परंपरा : मौलाना इस्माइल

हिरणपुर (पाकुड़): इस्लाम में रमजान के तीस रोजा काफी अहमियत रखते हैं। ईद की नमाज के प

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jun 2018 06:05 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jun 2018 06:05 AM (IST)
गरीबों की मदद के लिए   है सदका की परंपरा : मौलाना इस्माइल
गरीबों की मदद के लिए है सदका की परंपरा : मौलाना इस्माइल

हिरणपुर (पाकुड़): इस्लाम में रमजान के तीस रोजा काफी अहमियत रखते हैं। ईद की नमाज के पूर्व गरीबों को सदका दान देने की वर्षो पुरानी परंपरा आज भी कायम है। हिरणपुर जामा मस्जिद के मौलाना इस्माइल मजाहिरी ने बताया कि रोजा से भूख का अनुभव शिद्दत से महसूस किया जाता है। इससे रोजेदारों को पता चलता है कि गरीब किस तरह जीवन व्यतीत करते हैं। इसलिए हर रोजेदार 2.5 किलो अनाज गरीबों में सदका करते हैं।

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यह छोटे बड़े सबके लिए लागू होता है। बताया कि चांद नजर आने पर ईद मनाने की परंपरा है। इस बार संभवत: 15 या 16 जून को ईद मनाई जाएगी। यह चांद दिखाई देने पर ही निर्भर होगा। चांद दिखने के बाद हिरणपुर की पहाड़ी ईदगाह में सुबह 8 बजे नमाज अदा होगी। ईदगाह के सदर इसहाक अंसारी ने बताया कि ईद को लेकर हर घर में तैयारी की जा रही है। प्रखंड के हिरणपुर ईदगाह सहित बड़तल्ला , विपदपुर , करनडांगा , दराजमाठ , बाबूपुर , रामाकुंडा मं ईद की नमाज अदा की जाएगी।


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