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मधु की मिठास में खो रही गरीबी की कड़वाहट

गणेश पाडेय पाकुड़ पाकुड़ के 10 प्रशिक्षित किसानों ने मधुमक्खी पालन शुरू किया है। मधुमक्खी प

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Mar 2021 07:47 AM (IST)Updated: Sun, 14 Mar 2021 07:47 AM (IST)
मधु की मिठास में खो रही गरीबी की कड़वाहट

गणेश पाडेय, पाकुड़ : पाकुड़ के 10 प्रशिक्षित किसानों ने मधुमक्खी पालन शुरू किया है। मधुमक्खी पालन से किसानों की आय दोगुनी होगी। मधु की मिठास से गरीबी भागेगी। मुख्यमंत्री लघु कुटीर बोर्ड ने मधुमक्खी पालन के लिए किसानों को अनुदान पर आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई है। मीठी क्राति योजना से जिले के लिट्टीपाड़ा प्रखंड के छोटा घघरी, पाकुड़ प्रखंड के गगनपहाड़ी, अमड़ापाड़ा प्रखंड के पोचईबेड़ा, जामुगढ़यिा, बरनडीहा तथा बड़ा पहाड़पुर गाव के किसान मधुमक्खी पालन कर रहे हैं। एक किसान को अनुदान पर 16 बी-बाक्स (मधुमक्खी पेटी) मिले हैं। आम, सरसों के सीजन में एक किसान एक बार में करीब डेढ़ क्विंटल तथा लीची के सीजन में एक किसान एक बार में चार क्विंटल मधु उत्पादन करता है। किसान उस शहद को बंगाल भेज देते हैं। छोटा घघरी में मधुमक्खी पालन कर रहे संतोष हेंब्रम, माíटन हासदा ने बताया कि लोकल में बाजार उपलब्ध नहीं रहने के कारण मधु को बंगाल भेज देते हैं। आम व सरसों के सीजन में एक बार मधु बेचकर कर 13 हजार तथा लीची के सीजन में एक बार मधु बिक्री कर 36 हजार रुपये की आमदनी हो जाती है।

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दूसरे राज्यों में भी मधुमक्खी पालन :

विकास भारती बिशुनपुर राची से किसानों ने मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण लिया है। ये किसान अपने गाव में ही नहीं बल्कि बंगाल, बिहार, असम भी जाते हैं। ताकि वहा भी फूलों के सीजन में मधु का उत्पादन कर सकें। लीची के सीजन में किसान बंगाल के मालदा, कालियाचक, दिनाजपुर सहित बिहार के मुजफ्फरपुर, बेगूसराय जाते हैं। दरअसल बंगाल व बिहार में लीची की खेती अधिक होती है, वहा मधुमक्खी पालन से किसानों को अच्छी आय होती है।

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इन गावों में हो रहा मधुमक्खी पालन

गाव का नाम किसान का नाम

छोटा घघरी संतोष हेंब्रम

छोटा घघरी माíटन हासदा

गगनपहाड़ी जहागीर मोमिन

गगनपहाड़ी बबलू मोमिन

गगनपहाड़ी अल्फाज अली

गगनपहाड़ी निगार बीबी

पोचईबेड़ा संदीप हेंब्रम

जामुगढ़यिा शिवचाद मराडी

बरनडीहा सुनील कुमार मुर्मू

बड़ा पहाड़पुर एंथोनी मराडी

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प्रशिक्षण प्राप्त किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए मक्खिया उपलब्ध कराई गईं हैं। सभी किसान मधुमक्खी पालन में जुटे हैं। मधुमक्खी पालन का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना है। ताकि उनके जीवन में समृद्धि आए।

देवव्रत कुमार, जिला उद्यमी समन्वयक, मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड, पाकुड़


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