बर्बाद हो रहे जल का करें संचय
पाकुड़ मानसून के विलंब से आगमन व राज्य में गिरते जलस्तर को देखते हुए राज्य सरकार ने जल सं
पाकुड़: मानसून के विलंब से आगमन व राज्य में गिरते जलस्तर को देखते हुए राज्य सरकार ने जल संरक्षण की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए जलशक्ति अभियान शुरू किया गया है। अभियान 15 सितंबर तक जिला से लेकर पंचायत तक चलेगा। यह ातें उप विकास आयुक्त राम निवास यादव ने कही। वह बुधवार को सूचना भवन सभागार में जलशक्ति उन्मूखीकरण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कहा कि अभियान के तहत नालों में बहकर बर्बाद हो रहे जल को रोकें, भूगर्भ जलस्तर को बढ़ाएं तथा वर्षा जल को जलाशयों तक पहुंचने का सुगम रास्ता सुनिश्चित करें। एक अनुमान के तहत राज्य में वर्षा जल का लगभग 95 फीसदी हिस्सा बहकर बर्बाद हो जाता है। इसके लिए आम जनों को भी प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा। इसके लिए सात जुलाई को जिले भर में श्रमदान कार्यक्रम का आयोजन होगा।
गांव का पानी गांव में रहे: जिप अध्यक्ष
कार्यशाला में उपस्थित जिप अध्यक्ष बाबूधान मुर्मू ने कहा कि गांव का पानी गांव में रहे इसके लिए सभी को काम करने की जरूरत है। यह केवल जिला व स्थानीय प्रशासन से संभव नहीं है। बारिश के पानी को संचय करने के लिए ग्रामीणों को स्वयं आगे आना होगा। इससे पेयजल संकट एवं सुखाड़ जैसी अन्य समस्याओं से आसानी से निपटा जा सकता है। जिप अध्यक्ष ने जिप सदस्यों व अन्य प्रतिनिधियों को ग्रामीणों को जल संचय की विधि से अवगत कराने के लिए जागरूक करने की अपील की। गांव में तालाब, डोभा आदि खोलने को कहा। उन्होंने पौधरोपण पर विशेष बल दिया। बारिश के समय प्रतिदिन खाली पड़े स्थानों पर पौधरोपण करने को कहा। जिप उपाध्यक्ष मुकेश कुमार शुक्ला ने कहा कि पहले बारिश के लिए लोगों को इंतजार नहीं करना पड़ता था। लगभग सालों भर बारिश होती थी। पर्यावरण में लगातार हो रहे परिवर्तन से अब ऐसा नहीं हो रहा है। इसलिए पानी के इस्तेमाल में गंभीरता बरतने की जरूरत है। बेवजह पानी की बर्बादी न हो। इसका सभी को ख्याल रखना होगा। अक्सर हम ब्रश करने व अन्य छोटे-मोटे कार्य में नल खुला छोड़ देते हैं। जिससे काफी पानी की बर्बादी होती है।
मौके पर उपस्थित अन्य वक्ताओं ने भी जलशक्ति अभियान के तहत किए जाने वाले कार्यो व अभियान के उद्देश्य के बारे में बताया। मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी एडमंड मिज ने कम सिचाई वाले फसलों को लगाने की अपील की। कार्यशाला में आइटीडीए निदेशक हीरालाल मंडल, मुख्यालय डीएसपी संजय कुमार, जिला योजना पदाधिकारी रामानुज कुमार सिंह समेत सभी विभागों के वरीय पदाधिकारी, प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, मुखिया, प्रमुख व अन्य उपस्थित थे।