ऑक्सीजन के बिना फूल रहा निजी अस्पतालों दम
जागरण संवाददाता पाकुड़ कोरोना संक्रमण को लेकर पूरे देश में ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है
जागरण संवाददाता, पाकुड़ : कोरोना संक्रमण को लेकर पूरे देश में ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है। इस कारण देश ऑक्सीजन की कमी से सामना कर रहा है। सरकारी और निजी अस्पतालों का आकलन करने पर स्पष्ट होता है कि ऑक्सीजन आपूर्ति मामले में निजी अस्पतालों का रवैया ठीक नहीं है। शहर के कई निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं है। यही वजह है कि निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता महसूस होने पर रेफर कर दिया जाता है।
एक-दो निजी नर्सिंग होम में एंबुलेंस में भी ऑक्सीजन लगा रखा है। इससे मरीजों को राहत भी मिलती है।
वहीं ऑक्सीजन आपूर्ति मामले में सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था कुछ हद तक ठीक है। स्वास्थ्य विभाग ने यह दावा किया है कि कोरोना के पूर्व और कोरोना काल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। सदर अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन की व्यवस्था है। विभाग का यह कहना है कि प्रखंडों में स्थित सामुदायिक केंद्रों को बहुत अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं पड़ती है। गंभीर मामलों में मरीजों को सदर अस्पताल या अन्य जगहों पर रेफर कर दिया जाता है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना का कहर शुरू होने के पूर्व ही सभी प्रकार की तैयारियां कर ली गई थी। लिट्टीपाड़ा प्रखंड स्थित रिची अस्पताल को कोविड 19 मैनेजमेंट अस्पताल बना दिया गया था। इस अस्पताल को हर प्रकार की सुविधा से लैस कर दिया गया था। शुरुआती दौर में ही कोविड 19 अस्पताल के लिए 160 पीस ऑक्सीजन की व्यवस्था कर ली गई थी। कोरोना काल में 40 का खपत हुआ है। उसे भी बाद में रिफिल करा दिया गया।
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मरीजों की संख्या बढ़ी ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं
मार्च से कोरोना ने कहर शुरू किया था। जिले में पहला केस 25 मई को मिला था। मई माह में मात्र पांच पॉजिटिव केस मिले थे। उसके बाद जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर माह में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती गई। स्वास्थ्य विभाग के कहना है कि मरीजों की संख्या बढ़ी, परंतु उसमें गंभीर मरीजों की संख्या नगण्य थी। कोरोना से जंग लड़ रहे अधिकतर मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत ही नहीं पड़ी।
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निजी अस्पताल में नहीं बना कोविड वार्ड
कोरोना काल में सबसे बड़ी बात यह रही कि शहर में संचालित एक भी निजी अस्पताल में कोरोना वार्ड नहीं बनाए गए थे। लॉकडाउन के समय तो अधिकतर निजी अस्पताल अपना दरवाजा ही बंद कर दिए थे। हालांकि एकाध निजी क्लिनिक संचालकों ने कोरोना काल में बेहतर काम किया। कोरोना को लेकर सदर अस्पताल के अलावा सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड वार्ड बनाए गए थे।
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किस माह मिले कितने मरीज
माह मरीजों की संख्या
मई 05
जून 27
जुलाई 216
अगस्त 220
सितंबर। 129
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कोरोना शुरू होने के पूर्व सारी तैयारी पूरी कर ली गई थी। कोरोना के पूर्व और वर्तमान में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है
डॉ. रामदेव पासवान, सिविल सर्जन, पाकुड़